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जलवायु नियमों का उल्लंघन: एमएसडब्ल्यू कंपनी के डायरेक्टर एवं प्लांट हेड को न्यायालय से समन

नगर निगम अधिकारियों और कटनी एमएसडब्ल्यू की मिलीभगत से भ्रष्टाचार के लगे गंभीर आरोप

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कटनी

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Balmeek Pandey

Apr 24, 2025

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कटनी. शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, प्रशंसकरण के लिए नगर निगम से अनुबंधित संस्था पडऱवारा स्थित मेसर्स कटनी एमएसडब्ल्यू प्राइवेट लिमिटेड को मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल द्वारा सशर्त जलवायु सहमति प्रदान की गई थी। लेकिन बोर्ड के अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण में यह स्पष्ट पाया गया कि उद्योग लगातार जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 43/47 एवं पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 15 एवं 17 का उल्लंघन कर रहा है। बोर्ड ने इस गंभीर लापरवाही को ध्यान में रखते हुए कंपनी के डायरेक्टर हेमा प्रसाद, संतराम बायतारू, अनुपमा मिश्रा, एवं प्लांट हेड शांतनु कुमार व आदित्य कुमार के विरुद्ध मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 829/2025 के अंतर्गत 4 अप्रेल 2025 को मामला दायर किया। इस प्रकरण पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने 21 अप्रेल को क्षेत्रीय अधिकारी सुधांशु तिवारी के अनुरोध पर संज्ञान लिया और सभी अभियुक्तों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करते हुए उन्हें 24 अप्रेल को न्यायालय में उपस्थित होने के लिए समन जारी किए हैं। यह मामला पर्यावरण संरक्षण की अनदेखी और उद्योगिक लापरवाही का गंभीर उदाहरण माना जा रहा है।

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रेलवे व ऑर्डिनेंस फैक्ट्री क्षेत्र के कचड़े का फर्जी भुगतान!

इधर नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद मिथलेश जैन एडवोकेट ने एमएसडब्ल्यू और नगर निगम अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि कटनी एमएसडब्ल्यू द्वारा रेलवे क्षेत्र एवं आयुध निर्माणी क्षेत्र (ऑर्डिनेंस फैक्ट्री) के कचड़े को अवैधानिक रूप से नगर निगम के कचरे के रूप में दर्शाकर निगम को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया गया है। जैन ने इस संबंध में मप्र शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रमुख सचिव, कलेक्टर, महापौर और आयुक्त नगर निगम को पत्र लिखकर ध्यान आकृष्ट कराया है। उन्होंने कहा कि डीपीआर और अनुबंध के अनुसार रेलवे एवं आयुध निर्माणी क्षेत्र के कचड़े को एकत्र करने, परिवहन करने और प्रसंस्करण की कोई स्वीकृति नहीं है।

बिना अनुबंध, वर्षों से हो रहा कचरा एकत्रीकरण

जैन के अनुसार पिछले 3-4 वर्षों से अधिक समय से कटनी एमएसडब्ल्यू द्वारा बिना निगम परिषद की स्वीकृति और बिना अनुबंध के रेलवे एवं आयुध निर्माणी क्षेत्र से कचरा इक_ा कर निगम के अमीरगंज/पडऱवारा स्थित प्लांट में लाया जा रहा है। इसे नगर निगम के कचरे के रूप में दिखाकर फर्जी बिलिंग की जा रही है और लाखों रुपए की राशि वसूली जा रही है। पत्र में बताया गया कि इस कचरे की तौल नगर निगम क्षेत्र से प्राप्त कचरे के रूप में कर के फर्जी भुगतान लिया गया और दूसरी ओर रेल्वे एवं आयुध क्षेत्र के ठेकेदारों से अलग से पैसे लेकर एमएसडब्ल्यू के कर्मचारियों द्वारा अनुबंध शर्तों का घोर उल्लंघन किया गया है।

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आरटीआई से खुला मामला, एफआईआर की मांग

जैन ने आरटीआई के तहत पश्चिम मध्य रेलवे से जानकारी प्राप्त की, जिसमें मंडल चिकित्सा अधिकारी ने पुष्टि की कि एनकेजे की सभी कॉलोनियों से कचरा नगर निगम द्वारा निर्देशित स्थान (प्लांट) पर भेजा जा रहा है। इससे यह प्रमाणित होता है कि यह अवैध कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र इंजीनियर एवं नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी सब कुछ जानते हुए भी इस अवैध कार्य को रोकने में विफल रहे, जो स्पष्ट रूप से मिलीभगत को दर्शाता है। मिथलेश जैन ने पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू), जबलपुर से मांग की है कि इस मामले में कटनी एमएसडब्ल्यू और दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए।