प्रकाश और पेयजल की भी नहीं सुविधा
चौपाटी में पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है। इस कारण कभी उन्हें पानी मुड़वारा स्टेशन के पास से भर कर लाना पड़ता है तो कभी मिशन चौक से। यहां हैंडपंप से पानी भरकर काम चल रहे हैं। वही डिब्बा का पानी खरीदने के लिए 10 रूपये का ढुलाई देनी पड़ती है। चौपाटी में पेयजल की सुविधा मुहैया कराने के लिए कई बार निगम प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन कोई ध्यान इस ओर नहीं दिया गया। वहीं व्यापारियों से बाजार शुल्क बकायदा वसूल किया जा रहा है। रात में रोशनी के लिए भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं।
बनाना था यह जरूरी हब
यहां पर क्लीन स्ट्रीट फूड हब बनाया जाना है। इसको साफ-सुथरा कराकर नालियों को व्यस्थित कराया जाना था। यहां पर धूल नहीं होना चाहिए, साफ पानी की व्यवस्था, स्टॉल व्यवस्थित करने के साथ ही स्टेनलेंस स्टील के लगाए जाने हैं। लकड़ी के स्टॉल नहीं होना चाहिए, इसमें कॉकरोच आदि कीट पैदा होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए घातक हैं। यहां पर पर्याप्त संख्या में वॉसबेसिन बनाकर रखना है ताकि सफाई सुधरी रहे। इसके लिए दिल्ली से भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण की टीम को आकर निरीक्षण व ऑडिट करना था, लेकिन अभी तक टीम नहीं आई और न इस दिशा में काम शुरू किया गया।
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खास-खास:
– यहां लगने वाले प्रत्येक स्टाल से रोजाना 5 से 10 रूपये बाजर शुल्क वसूला जा रहा है। लेकिन सुविधाओं के नाम पर सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला।
– चौपाटी में छाया के लिए शेड आदि की भी व्यवस्था नहीं की गई है। जहां स्टाल व्यवसायी अपने ग्राहकों को सुकून से बैठा सकें, बास बल्ली गाड़कर चलाया जा रहा काम।
– व्यवसायियों ने निगम प्रशासन से कई बार चौपाटी में व्यवस्था दुरूस्त कराए जाने मांग की, लेकिन अबतक नहीं दिया गया ध्यान।
– सब्जी को एकदम साफ रखना हैं, कैंटेनर साफ रखना है, डस्टबिन रखना है, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना, कारोबारियों को व कर्मचारियों को हाथ ग्लब्स पहनकर कर रखना हैं, एप्रेन पहनना है, बालों को ढककर रखना है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा।
इनका कहना है
चौपाटी को व्यवस्थित करने के लिए विशेष कार्ययोजना बनी है। नगर निगम प्रशासक व कलेक्टर ने भी इस संबंध में निर्देश दिए हैं। शीघ्र ही चौपाटी में तय मानक के अनुसार तैयार कराया जाएगा।
आरपी सिंह, आयुक्त नगर निगम।