29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इस सबसे बड़े जंक्शन में रेलवे ट्रैक की वर्षों पुरानी बनावट से हर दिन पिटती है कई ट्रेनें, क्रॉस मूवमेंट न होने से परेशान होते हैं हजारों यात्री

कटनी जंक्शन की वर्षों पुरानी बनावट के कारण अब यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जंक्शन में क्रॉस मूवमेंट न होने के कारण ट्रेनें पिटती हैं। सतना से आने वाली ट्रेनें दो नंबर प्लेटफॉर्म पर, बिलासपुर से आने वाली ट्रेनें दो नंबर पर और बीना की ओर से आने वाली ट्रेनें चार और पांच नंबर प्लेटफॉर्म नहीं पहुंच पाती। ऐसे में स्टेशन में यदि दूसरी ट्रेनें खड़ी हैं तो प्लेटफॉर्म खाली रहने के बाद भी ट्रेनें नहीं पहुंच पाती। रेलवे के अधिकारी इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे।

3 min read
Google source verification

कटनी

image

Balmeek Pandey

Jun 11, 2019

did not cross moment in Katni Junction

did not cross moment in Katni Junction

कटनी. रेलवे में सुविधाओं के विस्तार की गति तो बढ़ी है, लेकिन कटनी जंक्शन में यात्रियों की समस्या जस की तस हैं...। सोमवार की सुबह कटनी जंक्शन में ट्रेन क्रमांक 15232 गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म क्रमांक चार पर और ट्रेन क्रमांक 15231 बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस प्लेफॉर्म क्रमांक तीन पर आकर खड़ी हो गई। 15232 एक्सप्रेस 10 बजकर 3 मिनट पर आई। वहीं 15231 ट्रेन का समय 6.40 मिनट का समय था जो 9.41 पर आई और 10 बजकर आठ मिनट यहां से गई। ये दोनों ट्रेनें 20 से 25 मिनट के लिए पॉवर चेंज होने सहित आगे लाइन क्लियर न मिलने के कारण खड़ी हो गईं। बता दें कि झलवारा से कटनी की दूरी सात किलोमीटर है। गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस आठ से साढ़े आठ के बीच आ जाती है, कटनी 9.20 से 10 बजे तक पहुंचती है, इसके बाद यहां भी आधे घंटे तक पॉवर बदलने व लाइन क्लियर न होने पर समय लगता है। वहीं कामायनी दो नंबर प्लेटफॉर्म पर आकर खड़ी हो गई और 12150 पांच नंबर पर खड़ी हो गई। इनके चलते ट्रेन क्रमांक 11062 पवन एक्सप्रेस, 7609 पटना-पुर्णा सहित अन्य ट्रेनें होम सिग्नल, आउटर व एक स्टेशन पहले सिर्फ इस लिए खड़ी हो गईं कि प्लेटफॉर्म खाली होने के बाद एक-दूसरे से कनेक्टिविटी न होने के कारण खड़ी कर दी गईं। भीषण गर्मी में यात्री झुलसते रहे। यह स्थिति सिर्फ सोमवार की नहीं बल्कि प्रतिदिन की बनती है। इसकी मुख्य वजह है कटनी जंक्शन के बनावट में बदलाव न होना। ट्रैकों के सुधार, नई लाइन के विस्तार, स्टेशन बढ़ाने पर फोकस तो हुआ लेकिन जंक्शन की पुरानी समस्या क्रॉस मूमेंट को ठीक करने पर आज तक रेलवे के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।

READ ALSO: इस जिले की आंगनवाड़ियों में जिला अधिकारी ने की खास पहल, बच्चों को मिल रही गर्मी व अंधेरे से मुक्ति

यह बन रही समस्या
कटनी जंक्शन से बिलासपुर, सतना की ओर सभी प्लेटफॉर्मों से कनेक्टिविटी न होने के कारण समस्या हो रही है। क्योंकि क्रॉस मूमेंट न मिलने के कारण प्लेटफॉर्म खाली रहने के बाद भी ट्रेनों का ठहराव नहीं हो पा रहा। बता दें कि बिना की ओर से आकर सतना के लिए जाने वाली ट्रेनें सिर्फ दो और तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर ही आ पाती है। चार और पांच में जाने के लिए ट्रैक ही नहीं है। इसी प्रकार बिलासपुर की ओर से आने वाली ट्रेनों का है। वह ट्रेनें दो नंबर प्लेटफॉर्म पर नहीं आ पातीं। सतना की ओर से आने वाली ट्रेनों का भी यही हाल है।

खास-खास:
- ट्रेनों के ठहराव के लिए जंक्शन में बनाए गए हैं 6 प्लेटफॉर्म।
- प्रतिदिन कटनी जंक्शन से 12 से 15 हजार यात्री करते हैं सफर।
- रेलवे के प्रतिदिन 15 से 20 लाख रुपये की प्राप्त होती है आय।
- जंक्शन में प्रतिदिन होम सिग्नल व आउटर पर पिटती हैं 15 ट्रेनें।

READ ALSO: MP के इस जिले में स्वच्छ भारत मिशन की खुली बड़ी पोल, 65 हजार घरों के सत्यापन में गायब मिले ये 4 हजार से अधिक निर्माण

ढाई घंटे में तय नहीं कर सात किलोमीटर की दूरी
ट्रेनों की रफ्तार कहें या फिर अधिकारियों की बेपरवाही कि ट्रेनें ढाई घंटे में यात्रियों को सात किलोमीटर का सफर पूरा करा पा रहीं हैं। सोमवार को ही चिरमिरी-कटनी पैसेंजर यात्रा करने वाले यात्री भीषण गर्मी में परेशान हुए। सुबह 10.40 पर झलवारा स्टेशन में यह ट्रेन पहुंच गई थी। ढाई घंटे बाद 1.56 पर कटनी स्टेशन पर पहुंची। आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि इन दिनों रेल यात्रियों का सफर कितना कष्टप्रद है।

READ ALSO: यहां ग्राम पंचायत की मनमानी से छले जा रहे आदिवासी, पात्रता के बाद भी नहीं मिला पीएम आवास योजना का लाभ, वीडियो में सुने इनकी व्यथा

इनका कहना है
कटनी जंक्शन में ट्रैक के मूमेंट को लेकर क्या समस्या है यह अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। यात्री ट्रेनों के आवागमन में परेशान न हो इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ पमरे।