उल्लेखनीय है कि ढीमरखेड़ा और बरही के लोगों को न्यायालय संबंधी कार्यो के लिए शहर आना पड़ता था। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की परेशानियों को देखते हुए शासन ने ढीमरखेड़ा और बरही में सिविल कोर्ट खोलने का निर्णय लिया था। पर्याप्त व्यवस्थाएं नही होने ये कोर्ट सिर्फ एक माह में 15 दिन के लिए संचालित हो रही है। जिसके कारण लोगों को न्यायालय की सुविधा नहीं मिल पाती थी। भवन नहीं होने के कारण ये न्यायालय सरकारी भवनों में संचालित हो रहे है। जिसके बाद सिविल न्यायालय के भवन के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा तहसील कार्यालय के समीप भूमि आवंटित किए जाने के लिए ढीमरखेड़ा और बरही एसडीएम को पत्र लिखा गया था। जिसके बाद एसडीएम ने न्यायालय भवन और आवासीय परिसर के लिए जमीन की तलाश शुरू की। ग्राम पंचायत ढीमरखेड़ा के ग्राम ढीमरखेड़ा में स्थिति खसरा नंबर 95 रकवा 0.42 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है। इसी प्रकार से बरही में सिविल कोर्ट और आवासीय परिसर के निर्माण के लिए ग्राम खन्ना बंजारी स्थिति सरकारी चरनोई की जीमन करीब 0.4 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है। प्रस्ताव भी बनाकर शासन को भेज दिया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव भूपेंद्र नकवाल ने सिविल कोर्ट बनने के लिए जमीनों का चिन्हांकन किए जाने की पुष्टि की है।