
DPR of flyover stopped
कटनी. शहर के तीनों स्टेशनों को जोडऩे के लिए फ्लाईओवर बनाने की योजना फाइलों में दफन होती नजर आ रही है। आमजन योजना के साकार होने का सपना देख रहे हैं लेकिन अधिकारी अबतक इस फ्लाईओवर की फाइनल डीपीआर भी तैयार नहीं कर सके हैं। सेतु निगम के अधिकारी रेलवे के निर्माणाधीन ग्रेड सेपरेटर का हवाला देते हुए पिछले छह माह से चि_ी का खेल खेल रहे है। बताया जा रहा है कि रेलवे के साथ संयुक्त सर्वे करने के बाद भी फाइनल डीपीआर रिपोर्ट तैयार हो सकेगी लेकिन सर्वे अटका हुआ है। हालांकि योजना के तहत जीएडी (जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग) शासन को भेजी जा चुकी है लेकिन डीपीआर भेजा जाना शेष है। उल्लेखनीय है कि कटनी, मुड़वारा व साउथ रेलवे स्टेशन पहुंच मार्ग रेलवे के तीन अंडरिब्रज से होकर गुजरता है। बारिश के मौसम में तीनों स्टेशन जाने वाले शहरवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो अंडरब्रिज में पानी निकासी न होने से कई बार आवागमन भी ठप हो जाता है। तीनों ही स्टेशनों की मुख्यमार्गों से सीधे कनेक्टिीविटी न होने के कारण भी यात्रियों को परेशान होना पड़ता है।
जीएडी के अनुसार योजना के तहत तीन फ्लाईओवर बनाए जाएंगे, जिनकी कुल लंबाई 3686.25 मीटर तय की गई है। मंगलनगर की ओर एक किलोमीटर व गायत्रीनगर की ओर इसकी लंबाई करीब 2.5 किलोमीटर होना बताया गया है।
जानकारी के अनुसार आरओबी निर्माण के लिए वर्ष 2023- 24 के बजट में सर्वे के लिए राशि का प्रावधान किया गया था। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग द्वारा 79 लाख 19 हजार रुपए राशि के टेंडर जारी किया गया । नागपुर की ठेका कंपनी ने मार्च 2024 माह में आरओबी के लिए सर्वे शुरू किया, जो अबतक पूरा नहीं हो सका है।
जानकारी के अनुसार आरओबी निर्माण में सबसे बड़ी बाधा रेलवे की लाइनें बन रही है तो वहीं गायत्रीनगर में ग्रेड सेपरेटर की ऊंचाई अधिक होना भी इसकी वजह है। अफसरों का कहना है कि फ्लाईओवर निर्माण के लिए अधिकांश स्थानों पर सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है लेकिन गायत्रीनगर व अन्य रेलवे स्थानों पर ग्रेड सेपरेटर की ऊंचाई के चलते अबतक सर्वे नहीं हो सका है। यह ग्रेड सेपरेटर की ऊंचाई तय होने के बाद फ्लाईओवर की ऊंचाई तय होगी।
जानकारी के अनुसार ग्रेड सेपरेटर की ऊंचाई गायत्रीनगर में करीब 20 मीटर के आसपास है। ऐसी स्थिति में रेलवे से करीब 10 मीटर दूर फ्लाईओवर निर्माण की अनुमति मिलने की संभावना है। ऐसी स्थिति में यहां बनने वाले फ्लाईओवर की ऊंचाई करीब 30 मीटर करनी होगी। जबकि इसके पूर्व मिशनचौक में करीब 23 मीटर ऊंचाई पर प्रदेश का सबसे ऊंचा फ्लाईओवर बन चुका है।
संदीप जायसवाल विधायक का कहना है कि तीनों स्टेशनों को जोडऩे के लिए बनने वाले आरओबी निर्माण का सर्वे कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। रेलवे के साथ संयुक्त सर्वे होना शेष है, जिससे ग्रेड सेपरेटर की ऊंचाई के अनुसार फ्लाईओवर का कार्य कराया जा सके।
Published on:
14 May 2025 09:18 pm
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