29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आंगनवाडिय़ों में ‘इ-मॉनीटरिंग आंगनवाड़ी प्रोजेक्ट’ एप से होगी निगरानी, 14 नवंबर से जिले की 1712 आंगनवाडिय़ों में होगा नवाचार

जिले में कुपोषण का कलंक जिस तेजी से कम होना चाहिये वह नहीं हो रहा। इसकी मुख्य वजह है आंगनवाडिय़ों के माध्यम से बच्चों व महिलाओं के लिए बंटने वाले पोषण आहार में मनमानी। कभी आंगनवाड़ी केंद्र खुलते हैं तो कभी नहीं, कभी नाश्ता व आहार बच्चों को मिलता है तो कभी नहीं। इतना ही नहीं अन्य योजनाओं का भी सफल संचालन नहीं किया जा रहा था।

2 min read
Google source verification

कटनी

image

Balmeek Pandey

Nov 08, 2019

Anganwadi

Anganwadi

कटनी. जिले में कुपोषण का कलंक जिस तेजी से कम होना चाहिये वह नहीं हो रहा। इसकी मुख्य वजह है आंगनवाडिय़ों के माध्यम से बच्चों व महिलाओं के लिए बंटने वाले पोषण आहार में मनमानी। कभी आंगनवाड़ी केंद्र खुलते हैं तो कभी नहीं, कभी नाश्ता व आहार बच्चों को मिलता है तो कभी नहीं। इतना ही नहीं अन्य योजनाओं का भी सफल संचालन नहीं किया जा रहा था। लेकिन अब जिला महिला एवं बाल विकास विभाग ने खास एप तैयार किया है, जिसमें से हर रोज ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जा सकेगी। 'इ-मॉनीटरिंग आंगनवाड़ी प्रोजेक्ट' तैयार किया गया है। जिसका प्राथमिक परीक्षण किया जा चुका है। 14 नवंबर बाल दिवस के अवसर पर जिले में इसकी ओपनिंग होगी। इस एप से ऑगनवाडिय़ों की मॉनीटरिंग 7 परियोजना अधिकारी, 63 सेक्टर सुपरवाइजर द्वारा किया जाएगा। भौतिक निरीक्षण में लगातार आ रही कठिनाई व एकसाथ निगरानी न हो पाने के कारण जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग नयन सिंह ने जिले में यह पहल शुरू की है। खास बात यह है कि एप के माध्यम से एक क्लिक में केंद्रों में वीडियो कॉलिंग होगी। एक प्रपत्र में दिए गए प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। साथ ही जो कमियां सामने आएंगी उन्हें तत्काल दूर किया जाएगा।

त्रेता युग की तरह आटे के बनाए दीपक, की रोशनी, राजस्थान महिला मंडल का आयोजन

यह रहेगा कॉलिंग का लक्ष्य
इसमें कभी भी वीडियो कॉलिंग कर समीक्षाकी जा सकेगी, लेकिन हर अधिकारी को लिमिट भी तय की गई है। इसमें सेक्टर पर्यवेक्षक सप्ताह में चार, एक माह में 24 व एक साल में 18 हजार 144, परियोजना अधिकारी सप्ताह में 63, एक माह में 252 व एक साल में तीन हजार 24 व जिला कार्यक्रम अधिकारी एक सप्ताह में 16, एक माह में 63 व एक साल में 756 बार कॉलिंग कर निगरानी करेंगे। अभी एन्डॉयड मोबाइल एप से मॉनीटरिंग हो रही थी, जिसमें कार्यकर्ता ध्यान नहीं दे रहीं थी। अब केंद्र खुलने का समय, बच्चों की संख्या, नाश्ता, खाना, केंद्र बंद होने का समय, खेलकूद आदि गतिविधियों की समीक्षा होगी। वीडियो कॉलिंग के लिए विभाग ने जो तकनीक इजाद की है उसमें गूगल ड्यूओ एप का सहारा लिया जा रहा है। इसमें समस्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मोबाइल में पर्यवेक्षकों के माध्यम से इन्सटॉल कराया गया है। इस कार्य के लिए यदि कोई समस्या आती है तो फिर सहयोग पोषण अभियान के अंतर्गत पदस्थ कर्मचारियों डीसी, डीपीए, बीसी, बीपीए करेंगे।

एनसीडी प्रोग्राम में लापरवाही पड़ी भारी, दो सस्पेंड, 20 की रुकी एक-एक वेतनवृद्धि

यह होगा फायदा
इस एप का बड़ा फायदा विभाग को अधिकारियों को होगा। समस्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में वीडियो कॉल के माध्यम से बेहतर केंद्र संचालन की दिशा में काम हो सकेगा। जैसे कि समय पर आंगनवाड़ी केंद्र खुलना, बच्चों की उपस्थिति की मॉनीटरिंग हो सकेगी। इससे सतर्कता और जागरुकता भी बढ़ेगी। साथ ही इस एप के माध्यम से लापरवाही करने वाली कार्यकर्ता व सहायिका में डर बना रहेगा। संचालन के संबंध में 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक जिले के अधिकारी, परियोजना अधिकारी, सेक्टर पर्यवेक्षक ऑनलाइन समीक्षा करेंगे।

इनका कहना है
कलेक्टर के निर्देश पर जिले की आंगनवाडिय़ों की ऑनलाइन मॉनीटरिंग के लिए जिला स्तर पर एप तैयार किया है। इसमें 14 नवंबर से निगरानी शुरू होगी। बेपरवाही पर वेतन कटौती सहित अन्य वैधानिक कार्यवाही होगी।
नयन सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग।