
Arbitrary in rudmud gram panchayat
कटनी. बड़वारा संकुल में गुरुजी से अध्यापक बने 30 अध्यापकों को नियम विरुद्ध तरीके से वेतनमान का लाभ दिया गया है। इस कारगुजारी में न सिर्फ नियमों को ताक पर रखकर काम किया गया है, बल्कि शिक्षा विभाग को 90 लाख रुपये से अधिक की क्षति पहुंचाई गई है। इस मामले को पत्रिका ने 10 सितंबर को '2014 में गुरुजी से अध्यापक बने 30 शिक्षकों को 2007 से दे दिया अध्यापकों को वेतनÓ नाम शीर्षक से फर्जीवाड़े को उजागर किया गया। मामला उजागर होने के बाद जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जदीशचंद गोमे ने जांच टीम गठित की। 11 सितंबर को जांच टीम गठित की गई, लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि एक माह का समय बीतने के बाद भी टीम मामले की जांच नहीं शुरू की। टीम द्वारा जांच न शुरू करने से प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बता दें कि जिला पंचायत में सत्यापन के लिए पहुंची सर्विस बुक से गड़बड़ी पकड़ में आई। प्रथम दृष्टया आर्थिक अनियमितता का मामला सामने आया है। इस मामले में संकुल बड़वारा में पदस्थ तत्कालीन लेखापाल नरेंद्र खंताल, संकुल प्राचार्य एसआर महोबिया और आहरण संवितरण अधिकारी एसबी सिंह की मिलीभगत से विभाग को 90 लाख से अधिक की चपत लगाई है।
इस टीम को करना है जांच
जांच के लिए चार विभागों के अधिकारियों की टीम बनाई गई है। इस टीम को एक सप्ताह के अंदर जांच कर रिपोर्ट सौंपनी थी। टीम में डीपीसी, डीइओ, ट्रेजरी के पेंशन अधिकारी, एपीसी को शामिल किया गया है। यह टीम पूरे प्रकरण की जांचकर रिपोर्ट सौंपेंगी। जिला पंचायत ने जो गड़बड़ी पकड़ी है उसकी जांच सत्यापन के लिए एक बार नए सिरे से होना है। बता दें कि नरेंद्र खंताल ने शासन के जो निर्देश हैं उसका पालन नहीं किया और बड़ी गड़बड़ी जिला पंचायत सीइओ जगदीशचंद गोमे ने पकड़ी है।
इनका कहना है
आज संभागायुक्त की समीक्षा बैठक है। व्यस्तता के चलते जांच नहीं हो पाई। एक दो दिन में मामले जांच शुरू की जाएगी।
बीबी दुबे, जिला शिक्षा अधिकारी।
इस मामले में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी से मामले की जानकारी ली जाएगी। जांच कराकर जांच रिपोर्ट के अधार पर कार्रवाई होगी।
शशिभूषण सिंह, कलेक्टर।
Published on:
16 Oct 2019 12:16 pm
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