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Farming: ‘बनाना’ जी-9 का कमाल, किसान हुए ‘मालामाल’, केले की खेती में नैय्यर कमा रहे लाखों रुपये

locationकटनीPublished: Sep 07, 2019 12:44:48 pm

Submitted by:

balmeek pandey

– खेती में उन्नत तकनीक अपनाना समय की मांग है। जो किसान उन्नत तकनीक से खेती कर रहे हैं वे भरपूर मुनाफा कमा रहे हैं। कटनी तहसील के ग्राम भनपुरा नं. 2 में किसान संजीव नैय्यर ने उद्यानिकी की खेती उन्नत तकनीक से की और बड़े स्वावलंबी बने हैं। साथ ही उन्हें खेती में मुनाफा ही मुनाफा नजर आ रहा है। वे किसानों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं हैं। संजीव नैय्यर भनपुरा में यूके लिप्टस, अनार, गुलाब, नींबू, प्लांटेशन के साथ अब बनाना जी-9 (केला) की खेती की है।

Farmer is getting profit from banana cultivation

Farmer is getting profit from banana cultivation

बालमीक पांडेय @ कटनी. खेती में उन्नत तकनीक अपनाना समय की मांग है। जो किसान उन्नत तकनीक से खेती कर रहे हैं वे भरपूर मुनाफा कमा रहे हैं। कटनी तहसील के ग्राम भनपुरा नं. 2 में किसान संजीव नैय्यर ने उद्यानिकी की खेती उन्नत तकनीक से की और बड़े स्वावलंबी बने हैं। साथ ही उन्हें खेती में मुनाफा ही मुनाफा नजर आ रहा है। वे किसानों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं हैं। संजीव नैय्यर भनपुरा में यूके लिप्टस, अनार, गुलाब, नींबू, प्लांटेशन के साथ अब बनाना जी-9 (केला) की खेती की है। कारोबार के साथ किसान ने केला 10 एकड़ में केले को लगाया है। किसान ने बताया कि एक एकड़ में केला लगाने ड्रिप पद्धति सहित एक लाख रुपये एकड़ खर्च किया है। अब इसमें उन्हें दो लाख रुपये से पांच लाख रुपये एकड़ का आमदनी शुरू हो गई है। पिछले एक साल से वे केले की खेती में लाखों रुपये कमा चुके हैं। संजीव पिछले कुछ सालों में खेती के नाम पर जिले में लोहा मनवा रहे हैं। परंपरागत खेती को कहीं पीछे छोड़ते हुए उन्नत कृषि में हाथ थामा और अब आमदनी की रफ्तार पकड़ी है। अन्नदाता संजीव का ध्येय है कि किसान परंपरागत खेती से ऊपर उठकर कृषि क्रांति लाएं और खेती को लाभ का धंधा बनाएं। नकदी फसलों के उत्पादन पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दें तभी आर्थिक स्थिति सुदृढ होगी। हैरानी की बात तो यह है कि जिले के किसानों में यह भ्रांति थी कि केला की खेती के लिए जलवायु ठीक नहीं है, लेकिन किसान ने इस भ्रांति को तोड़ा और अब बढिय़ा मुनाफा कमा रहे हैं।

 

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2018 में लगाया प्लांट
संजीव ने बताया कि 2018 में केले की खेती की है। एक बार फसल ले चुके हैं और अब बड़ी मात्रा में फं्रूटिंग शुरू हो गई है। खास बात तो यह है कि केला की सप्लाई के लिए उन्हें कोई परेशानी नहीं होती। पूरा केला कटनी में ही सप्लाई हो जाता है। किसान ने कहा कि कटनी में लोग सिर्फ गेहूं और धान के अलावा कुछ नहीं करते। फायदे की खेती के बारे में उन्हों सोचा। महाराष्ट के नासिक अनार देखने गए। केला देखने के लिए जलगांव, भुसावल गए वहां जाकर देखा और समझा कि यह तो ज्यादा फायदेमंद है और खेती करने लगे।

 

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इन किसानों ने भी की खेती
जिले में अभी वर्तमान में चार किसानों ने बड़े स्तर पर खेती की है। श्याम सुंदर गौतम ग्राम कुसमा विकाखंड विजयराघवगढ़ ने 12 एकड़ में टिशु कल्चर जी-9 केले का प्लांटेशन तैयार किया है। इसी प्रकार रामकिशोर तिवारी जोबीकलां विकासखंड कटनी ने 2 एकड़ में, राजेंद्र कुुमार गुप्ता पौंसरा 2 एकड़ में केले की फसल लगाई है। इस केले की खासियत यह है कि यह बगैर कैमिकल के पकता है। कच्चा और पका दोनों व्यापारी किसानों से क्रय कर रहे हैं।

 

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कम लागत में अधिक मुनाफा
सबसे खास बात यह है कि कम लागत में किसान अधिक मुनाफा कमाने की तरकीब को इजाद किया है। केले की खेती के लिए एक एकड़ में लागत 50 हजार के आसपास है और ड्रिप पद्धति में 90 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक की लागत लगी है। 9 से 10 माह बाद उत्पादन शुरू हो जाता है। एक पौधे में लगभग 60 से 60 किलो की पैदावार हो रही है और यह बाजार में 15 से 20 रुपये किलोग्राम के भाव से बिकता है। एक साल में किसान को एक लाख रुपये से लेकर सवा लाख रुपये प्रति एकड़ मुनाफा हो रहा है। खास बात तो यह है कि प्रथम तीन साल तक अच्छा उत्पादन आएगा और चौथे साल में कम हो जाएगा, लेकिन इसके बाद कंद से नए सकस्य तैयार होंगे जो 10 साल तक किसान को उत्पादन बगैर विशेष लागत के देते रहेंगे।

 

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खास-खास:
– 20 एकड़ में किए हैं अनार की खेती, जिससे हो रही 12 लाख रुपये की आमदनी, अभी भी उत्पादन जारी।
– पॉली हाउस लगाकर की है गुलाब की खेती, कटनी के गुलाब की देश की राजधानी में है खासी पूछपरख।
– किसान नई तकनीक से उन्नत खेती कर रहे हैं, कड़ी मेहनत करके खेती के जरिए आर्थिक स्थिति मजबूत करने के साथ ही समाज को भी नई दिशा दे रहे हैं।
– खेती की बदौलत अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, परिवार के लोग खुशहाल हैं और उनकी पहचान इलाके के नामचीन किसानों में होती है।
– संजीव प्रगतिशील किसान हैं और दूसरे किसानों को भी प्रगतिशील बनाने की दिशा में अग्रसर हैं।
– उनकी खेती को देखते हुए आसपास के तमाम किसान उनके पास आते हैं। खेती के गुर सीखते हैं।
– रसायनिक उर्वरक का उपयोग बिल्कुल नहीं करते, बल्कि जैविक उर्वरक से ही पूरी खेती करते हैं।

इनका कहना है
किसान संजीव नैय्यर जिले के उन्नत किसानों में से एक हैं। उद्यानिकी के क्षेत्र में वे बेहतर काम कर रहे हैं। एप्पल बेर, अनार, नींबू, गुलाब के बाद अब केले में बेहतर उत्पादन कर मुनाफा कमा रहे हैं। जिले के किसानों को प्रेरित कर उन्नत उद्यानिकी खेती से जोड़ा जा रहा है।
वीरेंद्र सिंह, सहायक संचालक उद्यानिकी कटनी।

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