12 December 2025,

Friday

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

MP के इस जिले में गौसंवर्धन के लिए किसान करेंगे खास तरह की खेती, मवेशियों को हष्टपुष्ट बनाने सहित कमाएंगे मुनाफा

192 एकड़ में बोनी के लिए कृषि विभाग ने बनाया लक्ष्य, एक सप्ताह में होगा बीज का वितरण

2 min read
Google source verification

कटनी

image

Balmeek Pandey

Sep 19, 2018

 raisen, raisen news, raisen patrika, patrika news, patrika bhopal, bhopal mp, kisaan, barish, mousam, kheti, dhan, crops, soil,

Farmers of Katni district will cultivate Varsim

कटनी. जिले के 192 किसानों के माध्यम से कृषि विभाग किसानों के गौवंश को हष्ट-पुष्ट बनाने व उनकी आय को बढ़ाने नवाचार करने जा रही है। किसान खास तरह की घास को खेतों में उगाकर पशुओं को खिलाएंगे। सफल प्रयास होने पर जिले के अन्य किसानों में इस नवाचार को लागू किया जाएगा। जानकारी के अनुसार कटनी, बड़वारा, ढीमरखेड़ा, बरही, विजयराघवगढ़, रीठी और बहोरीबंद के 192 किसानों को चयन वर्सीम की खेती के लिए किया जा रहा है। ये किसान कृषि कार्य के साथ-साथ एक-एक एकड़ में वर्सीम की खेती करेंगे। कुल 192 एकड़ में इसकी खेती होगी। अच्छे पशुपालकों व किसानों को कृषि विभाग एक सप्ताह में बीज का वितरण करेगा और उसके बोनी सहित अन्य विधि को बताएगा। बीज का वितरण ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से होगा। बीज प्राप्त करने के लिए किसानों को अधिकारियों के पास आधार कार्ड की छायाप्रति और बी-1 की नकल जमा करनी होगी। किसान वर्सीम की बोनी अक्टूबर माह में करेंगे।

2 हजार में 1800 की मिलेगी छूट
वर्सीम की खेती के लिए किसानों को बीज अनुदान में दिया जाएगा। एक एकड़ में बोनी के लिए 2 हजार रुपए का बीज आएगा, लेकिन किसानों को मात्र 200 रुपए ही देना पड़ेगी। किसानों को 1800 रुपए का अनुदान मिलेगा। खास बात यह है कि वर्सीम की बोनी किसान एकबार करेंगे और डेढ़ से दो माह के बाद हर 15 दिन में उसकी कटाई कर सकेंगे। वर्सीम की कटाई किसान पांच साल तक करेंगे। कटाई के बाद पानी और खाद की आवश्यकता होगी। एक एकड़ में 10 से 15 मवेशियों के लिए पर्याप्त आहार होगा। विशेष बात यह भी है कि किसान बची हुई वर्सीम घास को बाजार में 10 से 15 रुपए प्रतिकिलोग्राम के मान से बेच भी सकेंगे।

इनका कहना है
किसानों को गौ पालन की मुख्य धारा से जोडऩे, मवेशियों के लिए आहार की व्यवस्था करने व कृषकों की आय को बढ़ाने नवाचार किया जा रहा है। जिले के 192 किसानों से प्रयोग कराया जा रहा है। शीघ्र ही बीज वितरण व किसानों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
एके राठौर, उप संचालक कृषि।