कटनी. दूरदराज के शहरों से सफर कर कटनी आ रहे यात्री कटनी जंक्शन सहित शहर के तीनों स्टेशनों पर कुछ आटो चालकों की मनमानी का शिकार हो रहे है। रात के अंधेरे में आटो व ई-रिक्शा चालक शहर से अंजान यात्रियों से मनमाना किराया वसूलकर किराये के रूप में खुलेआम लूट कर रहे हैं। प्रतिदिन यात्रियों से दो से पांच किलोमीटर सफर करने का 200 से 500 रुपए तक वसूला जा रहा है। यात्रियों के साथ हो रही इस मनमानी पर जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। किराये को लेकर परिवहन विभाग का नियंत्रण भी नहीं है, जिससे यात्री परेशान हैं।
जानकारी के अनुसार शहर में तीन प्रमुख रेलवे स्टेशनों में किसी मुसाफिर को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचकर ट्रेन पकडऩी और बदलनी हो तो रात में ऑटो से स्टेशन तक पहुंचना 30 से 50 गुना तक मंहगा हो जा रहा है। शुक्रवार रात कटनी जंक्शन से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित मुड़वारा स्टेशन तक जाने वाले रेल यात्रियों ने बताया कि कुछ ऑटो चालकों ने प्रतिव्यक्ति 130 रूपए तक मांगे। इस दौरान जिन यात्रियों को जल्दी जाकर ट्रेन पकडऩी थी उन्होंने रुपए दिए भी। आटो व ई-रिक्शा चालकों की मनमानी का शिकार अनूपपुर से आए यात्रियों अनूपपुर जिला निवासी सुखराम मोगरे, श्यामदास मोगरे व तरूण कुमार ने बताया कि वे तीन सवारी थे और कटनी से मुड़वारा स्टेशन जाना था। आटो में बैठकर यहां पहुंचे तो आटो चालक ने कुल 400 रुपए मांगे। अधिक किराया वसूलने का विरोध किया तो आटो चालक लडऩे पर ऊतारू हो गया।
मुड़वारा से कटनी के बीच ऑटो चालक 10 से 15 रुपए ही किराया लेते हैं। रात के समय अधिकतम 20 रुपए किराया लेना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता। यहां कटनी साउथ, कटनी मुड़वारा और कटनी मुख्य रेलवे जंक्शन के बीच यात्री ऑटो से आवागमन करते हैं। इसमें उन मुसाफिरों को ज्यादा नुकसान हो रहा है, जिनको दूरी व किराए की जानकारी नहीं होती है। यही स्थिति रात में ट्रेन से उतरकर शहर में घर तक पहुंचने वाले नागरिकों की होती है। रात में ज्यादा किराया देना पड़ता है। यात्रियों ने बताया कि कटनी में जिस तरह से यात्री ट्रेनें तीन अलग-अलग स्टेशनों में रुकती है। ऐसे मेंं स्टेशन में या तो प्रीपेड बूथ होनी चाहिए या फिर रेलवे प्रशासन को बस की व्यवस्था करनी चाहिए।
आटो व ई-रिक्शा में किराये को लेकर चल रही मनमानी वर्षों से जारी है। इसका प्रमुख कारण शहर में किराया सूची का सार्वजनिक न होना है। रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड जैसे स्थानों पर भी किराया सूची चस्पा नहीं है, जिसका फायदा आटो चालक उठा रहे है। प्रशासन ने भी अबतक इस दिशा में उचित पहल नहीं की है।
मुख्य रेलवे स्टेशन में एक बार फिर यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए फिर प्री-पेड बूथ का संचालन शुरू करने की मांग उठने लगी है। दरअसल, रेलवे स्टेशन के बाहर पुलिस प्रशासन द्वारा कई वर्षों पूर्व प्री-पेड बूथ की व्यवस्था बनाई गई थी लेकिन यह चंद दिनों तक ही चल सकी। वर्ष 2018 में सडक़ सुरक्षा समिति में लिए गए निर्णय का हवाला देते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह ने डीआरएम को पत्र लिखकर प्लेटफार्म क्रमांक 1 के बाहर सर्कुलेटिंग एरिया में प्री-पेड बूथ की सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग की थी लेकिन इसके बाद पहल आगे नहीं बढ़ सकी।
स्टेशन में यात्रियों से मनमाने किराये की वसूली की जा रही है, सर्कुलेटिंग एरिया में असामाजिक तत्वों का जमघट होता है आटो चालक भी सवारी बैठाने के लिए खींचतान करते हैं, महिलाओं से छेड़छाड़ और यात्रियों से मारपीट के मामले भी सामने आ चुके हैं।
शहर में दौड़ रही आटो में किराया सूची चस्पा नहीं है, स्टेशन व बस स्टैंड में भी किराये की जानकारी नहीं अंकित, किराया वसूली को लेकर जांच अभियान नहीं चलाया जाता, किराया सूची के साथ ही चालक का नाम, पता, मोबाइल नंबर भी अंकित कराना था, रूट के अनुसार जारी हो रहे परमिट पर नहीं दौड़ रहे आटो।
संतोष पॉल, जिला परिवहन अधिकारी ने कहा है कि स्टेशन व बस स्टैंड में यात्रियों की सुविधा के लिए किराया सूची चस्पा कराई जाएगी। यदि अधिक किराया लेने की शिकायत यात्री द्वारा की जाती है तो कड़ी कार्रवाई करेंगे। अभिनय विश्वकर्मा, एसपी का कहना है कि स्टेशन के बाहर प्री-पेड बूथ संचालन को लेकर योजना बनाएंगे। मनमाने तरीके से या डरा-धमकाकर किराया वसूलने वालों को बक्शा नहीं जाएगा। यात्री स्थानीय थानों में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। किराये को लेकर औचक जांच की जाएगी।
Published on:
06 Jul 2025 08:07 pm