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Katni Flood : कटनी में जल प्रलय, कई गांव डूबे, शहरों में भी बतदर हालात, पुल से 6 फीट ऊपर पानी बहने से बाहरी जिलों से संपर्क टूटा

Katni Flood : कटनी में भारी बारिश के चलते बाढ़ से हालात गए हैं। यहां दर्जनों गांव बाढ़ में तबाह हो गए हैं। बेलकुंड नदी पर बने पुराने मंदिर का एक हिस्सा तेज बहाव में ढह गया। गर्राघाट का पुल डूबने से कई राज्यों के वाहन चालक फंसे।

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Katni Flood :मध्य प्रदेश के बड़े हिस्से में भारी बारिश का दौर जारी है। तेज बारिश से नदी नाले उफान पर है। कई जिलों में हालात बिगड़ने लगे हैं। बारी बारिश का असर कटनी जिले पर खासा देखा जा रहा है। यहां बीते चार दिन से लगातार जारी भारी बारिश के चलते बाढ़ ने ऐसा कहर बरपाया है कि घर, मकान, दुकान, खेत, खलिहान, सड़कें तक बह गई हैं। पौड़ी क्षेत्र में स्थित एक मंदिर बेलकुंड नदी के तेज बहाव के चलते बड़ा हिस्सा ढह गया। हालात ये हैं कि इसी क्षेत्र के गांव पानी में या तो बह गए हैं या पूरी तरह से डूब गए हैं।

जिले के ढीमरखेड़ा ब्लॉक के दर्जनों गांवों में हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। इन गांव से आई तबाही के चलते कई गावों के मकान भी ढह गए। बारिश से हुई बर्बादी के चलते अब लोग शिविरों में रहने को मजबूर हैं। पान उमरिया में ऐसे ही एक शिविर बनाया गया है, जहां करीब 600 लोगों के रुकने और खाने-पीने और स्वास्थ्य चेकअप की सुविधा की गई है। मूसलाधार बारिश ने कछार गांव में सबसे ज्यादा तबाही देखने को मिली है। यहां 100 से ज्यादा मकान भारी बारिश के चलते आई बाढ़ में बह गए। यहां लोगों के घरों का राशन, कपड़ा, सामान सब कुछ बाढ़ में बर्बाद हो चुका है।

मंदिर का हिस्सा ढह गया, सड़क भी बही

बाढ़ के हालात कितने भयावह होंगे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोगों के घर, मकान, दुकान, खेत, खलिहान के साथ साथ मंदिर तक इसमें ढह गए। पौड़ी में एक बहुत पुराना मंदिर भी इस बेलकुंड नदी के तेज बहाव से अपने आप को नहीं बचा पाया। नदी में आई बाढ़ के कटाव के चलते मंदिर का एक हिस्सा गिर गया, यही नहीं यहां की कई सारे गांव भी पानी में डूब गए। सड़कों को भी नहीं छोड़ा, जी हां पौंड़ी गांव में ऐसी ही सड़क को तेज बारिश ने अपने साथ बहा ले गई। जिसके बाद लोगों को क्षेत्र से उसे क्षेत्र में आने जाने के लिए भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

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पुल डूबने से कई राज्यों की आवाजाही थमी

वहीं, सलीमनाबाद इलाके के ढीमरखेड़ा के आसपास वाले कई गांव बाढ़ की तबाही में बर्बाद हो चुके हैं। बेलकुंड नदी के ऊपर बना गर्राघाट का पुल भी इस बाढ़ में पूरी तरह से डूब चुका है। नदी का बहाव इतना तेज रहा कि पुल के 6 फीट ऊपर पानी बहता दिखा, जिसके चलते पुल के दोनों तरफ लंबा जब लग गया। इसमें दूर दराज के वाहन जिसमें छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के अलग-अलग जगह से आए बस, ट्रक समेत अन्य वाहनों के पहिये थमे रहे।