जिंदा चूने की धधकती भट्टी में झोंका
31 दिस्बर 1986 को वह राजेंद्र उर्फ डेऊ को जबरन घर से उठा ले गया। परिवार से नए साल की पार्टी मनाने की बात कही। एक ढाबे में खाना खाने के बाद जमकर पिटाई की और फिर वहां से 10 किलोमीटर दूर ले जाकर डेऊ को जिंदा चूने की धधकती भट्टी में झोंककर भाग आया। अगले दिन 01 जनवरी 1987 को डेऊ के कुछ अवशेष भट्टी से बरामद किए गए थे। किस्सू का हर हत्याकांड का ऐसा ही दुर्दांत किस्सा था। ये भी पढ़ें: रेलवे का बड़ा तोहफा…..अयोध्या सहित करें इन 5 जगहों के दर्शन, किराया भी बहुत कम तब तक पेट्रोल डालता रहा, जब तक शरीर राख नहीं हुआ
इससे पहले उसने जबलपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र से राजू सोनी नामक युवक का अपहरण कर लिया। राजू पर किसी रिश्तेदार की बहन को परेशान करने का आरोप था। राजू को कटनी ले जाकर बेदम पीटा फिर पन्ना रोड के जंगल में पेड़ से बांधकर पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। उस पर तब तक पेट्रोल डालता रहा, जब तक उसका शरीर राख के ढेर में तब्दील नहीं हो गया। पुलिस द्वारा बरामद की गई, राख अब तक राजू के परिवार को नहीं मिल पाई है।
पुलिस इनाम बढ़ाती रही और किस्सू संपत्ति
पुलिस रेकॉर्ड के अनुसार, किस्सू तिवारी हत्या व हत्या के प्रयास के मामलों में 2015 में गिरफ्तार हुआ था। 2018 में जमानत हुई तो जमीन के धंधे में उतर आया। राजनीतिक संरक्षण में जमीन पर कब्जे और जबरन घर खाली कराने के ठेके लेने लगा। वह कटनी का सबसे बड़ा प्रॉपर्टी ब्रोकर बन गया। कटनी में उसके कई घर, प्लॉट, जमीन, फार्म हाउस हैं। कोर्ट में पेशी पर उपस्थित नहीं होने पर स्थायी वारंट जारी हुआ तो पुलिस केवल इनामी राशि ही बढ़ाती रही, वह नेताओं के घर पर जाता, शादी समारोहों में घूमता रहा, इसके बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई।
कई मामलों में गवाह नहीं मिले, बयान पलटे
बताया गया है कि कटनी में किस्सू के अपराध की फाइल मोटी होती गई और वह राजनीतिक संरक्षण में स्वछंद घूमता रहा। पुलिस ने हाथ डालने की कोशिश नहीं की, जिसका परिणाम यह हुआ कि कई मामलों में गवाह नहीं मिले, तो कुछ में बयान पलट गए। इससे वह कुछ मामलों में कोर्ट से छूट गया।
पहले फरियादी फिर वकील को मारी गोली
1992 में किस्सू तिवारी ने पहले फरियादी और फिर उसके वकील को घर में घुसकर गोली मार दी थी। पुलिस में दर्ज प्रकरण के अनुसार मुन्ना चिकना नामक हिस्ट्रीशीटर से उसका विवाद था। पहले अस्पताल में मुन्ना और उसके बाद उसके वकील वीसी निगम की गोली मारकर हत्या कर दी।
दो लोगों के हाथ काटे
किस्सू का इरादा कटनी शहर में खौफ कायम करना था, इसलिए उसने हर वारदात को दुर्दांत तरीके से अंजाम दिया। अपनी बहन और बहनाई से विवाद करने वाले रिश्तेदार बाबू खटीक और मोहन यादव के हाथ काट दिए। उसके खिलाफ कटनी में 20 आपराधिक मामले दर्ज हुए। वहीं जबलपुर में अपहरण और हत्या एवं इंदौर के तुकोजीराव थाना क्षेत्र में हत्या की एक वारदात को अंजाम दिया।