23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नोटों के ‘रंग’ ने छुड़ाया बाबू का पसीना, पकड़ाया तो सिर पकड़कर बैठा

50 हजार रिश्वत लेते लोकायुक्त ने बाबू को पकड़ा तो पोंछने लगा पसीना, पकड़ने लगा सिर...

2 min read
Google source verification
katni.jpg

कटनी. मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को कटनी में जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में पदस्थ बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा। बाबू ने एक युवक से उसके पिता की मौत के बाद मिलने वाली अनुकंपा नियुक्ति की फाइल आगे बढ़ाने के एवज में 1 लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी। जिसकी पहली किश्त 55 हजार रुपए लेते हुए बाबू को रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया।

अनुकंपा नियुक्ति के एवज में मांगी थी रिश्वत
आवेदक राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि उसके पिता कुशल सिंह शिक्षा विभाग में प्राथमिक शाला कटनी में पदस्थ थे जिनकी एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद राघवेन्द्र के बड़े भाई सुनील सिंह को अनुकंपा नियुक्ति मिलनी थी लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ बाबू अजय खरे ने फाइल आगे बढ़ाने के नाम पर उनसे 1 लाख रुपए रिश्वत की मांग की। प्रार्थी राघवेन्द्र ने इसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर में की और शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने जाल बिछाकर रिश्वत लेकर प्रार्थी को रिश्वतखोर बाबू अजय खरे के पास भेजा। जैसे ही मंगलवार की दोपहर बाबू अजय खरे ने प्रार्थी से रिश्वत की पहली किश्त 55 हजार रुपए लिए तो लोकायुक्त टीम ने उसे रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया।

यह भी पढ़ें- सावधान ! लिंक से कश्मीर फाइल्स देखना पड़ेगा महंगा, हो जाएगा खाता साफ


पकड़ाने पर छूटा पसीना, सिर पकड़कर बैठा
प्रार्थी राघवेन्द्र ने बताया कि बड़े भाई को पिता की नौकरी मिल सके इसलिए उसने अपनी जमीन गिरवी रखकर 55 हजार रुपए का इंतजाम किया था जो वो बाबू अजय खरे को देने वाला था। इसी दौरान उसने लोकायुक्त जबलपुर से मामले की शिकायत की थी। वहीं दूसरी तरफ दफ्तर में रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद रिश्वतखोर बाबू अजय खरे के चेहरे की रंगत लोकायुक्त की टीम को देखकर बदल गई, पसीना छूटने लगा और रंगेहाथों गिरफ्तार होने के बाद वो सिर पकड़कर बैठा रहा। कार्रवाई में लोकायुक्त इंस्पेक्टर स्वप्निल दास, इस्पेक्टर भूपेंद्र दीवान आरक्षक गोविंद सिंह, पंकज तिवारी, राकेश विश्वकर्मा, अमित मंडल, विजय विष्ट शामिल रहे।

यह भी पढ़ें- रिश्तेदार ने ही तोड़ दिया विश्वास, 59 लाख रुपए की लगाई चपत