
मिलर्स की बैठक लेते कलेक्टर और अन्य अधिकारी.
कटनी. गरीबों के राशन के लिए सप्लाई होने वाली चावल की गुणवत्ता में मानकों की अनदेखी और क्वॉलिटी जांच में सैंपल फेल होने के बाद अब मिलर्स द्वारा खराब चावल बदलने में उदासीन रवैया अपनाए जाने का मुद्दा मंगलवार को कस्टम मिलिंग पर आयोजित अधिकारी और मिलर्स की बैठक में छाया रहा। बैठक में कलेक्टर ने दो टूक कहा कि जमा होने वाले चावल में 3 हजार 6 सौ मीट्रिक टन बीआरएल (अमानक) पाया गया है। इसमें अब तक महज 1 हजार 7 सौ एमटी चावल ही अपग्रेड हुआ है। मिलर्स शेष चावल जल्द अपग्रेड करवाएं।
कलेक्टर ने माना मीलिंग की गति धीमी, कहा-नहीं चलेगा दबाव का गणित
मिलर्स की बैठक में कलेक्टर ने भी माना कि मिलिंग की गति धीमी है। उन्होंने कहा कि पिछले साल का उपार्जित 2.58 लाख धान में से 1.95 लाख एमटी धान की कस्टम मिलिंग के लिए 56 राईस मिलों से अनुबंध किया गया है। इसमें अब तक महज 91 हजार मीट्रिक टन चावल ही जमा किया गया है। कलेक्टर ने कहा कि धीमी मिलिंग कर दबाव बनाने का गणित नहीं चलेगा। शेष धान की मिलिंग शीघ्र पूरा कर चावल जमा करवाएं।
गुणवत्ता परखने बनेगी टीम
गरीबों के चावल में जानवरों के खाने योग्य चावल सप्लाई का मुद्दा पूरे प्रदेश में गरमाने के बाद अब प्रशासन के अधिकारी इस पूरे मामले पर फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। कलेक्टर एसबी सिंह ने बताया कि कटनी में सीएमआर में जमा होने वाले चावल की गुणवत्ता परखने के लिए अलग से टीम गठित की जाएगी। जिला आपूर्ति अधिकारी के नेतृत्व में गठित होने वाली टीम में नान और एफसीआइ के अधिकारी शामिल रहेंगे।
Published on:
14 Oct 2020 12:19 pm
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