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खनिज नियमों की अनदेखी: रिफैक्ट्रीज में बगैर अनुज्ञप्ति के खनिज भंडारण, सामने गंभीर मनमानी

खनिज विभाग मौन, सिर्फ आवदेन लेने की निभा रहा औपचारिकता, 2022 से है नियम

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कटनी

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Balmeek Pandey

May 27, 2025

Mineral storage in refractories without licence

Mineral storage in refractories without licence

कटनी. जिले में रिफैक्ट्री उद्योग तेजी से फल-फूल रहा है। शहर, उपनगरीय इलाकों से लेकर ग्रामीण अंचलों तक करीब तीन दर्जन से अधिक रिफैक्ट्रीज संचालित हो रही हैं। इनमें बड़ी मात्रा में खनिजों व कोयले का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इनमें से किसी के पास खनिज भंडारण की वैध अनुज्ञप्ति नहीं है। मध्यप्रदेश सरकार के 2022 के स्पष्ट आदेश के बावजूद खनिज विभाग की निष्क्रियता कई सवाल खड़े कर रही है।
राज्य शासन ने वर्ष 2022 में आदेश जारी किया था कि रिफैक्ट्रीज में खनिज भंडारण के लिए खनिज विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। बिना अनुज्ञप्ति के किया गया भंडारण अवैध माना जाएगा। इसको लेकर कुछ माह पहले विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई भी कंपनी में की, इसके बावजूद जिले की रिफैक्ट्रीज मनमानी कर रही हैं और खनिज विभाग अब तक किसी भी इकाई के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं कर सका है।

किस तरह उठाया जा रहा फायदा

विभागीय शिथिलता का सीधा लाभ रिफैक्ट्री संचालक उठा रहे हैं। बिना लाइसेंस के खनिज का भंडारण कर ये कारोबारी न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि अवैध गतिविधियों को भी बढ़ावा की आशंका है। पूर्व में के वर्षों में कोयला भंडारण को लेकर गंभीर मामले उजागर हो चुके हैं। इससे खनिज कारोबारियों को भी अवैध काम के लिए संरक्षण मिलता है। लगभग 3 साल में अनुज्ञप्ति जारी न होने से स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते हैं।

यह है नियम

खनिज नियमावली के अनुसार, किसी भी उद्योग को खनिज भंडारण के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक है। गैर-अनुज्ञप्त भंडारण को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। नियमों के उल्लंघन पर आर्थिक दंड, लाइसेंस रद्दीकरण और जब्ती की कार्रवाई की जा सकती है। अनुज्ञप्ति न होने पर टैक्स और रॉयल्टी के नुकसान की आशंका है, अनियंत्रित खनिज और कोयला भंडारण से जल, वायु और भूमि प्रदूषण की आशंका, अवैज्ञानिक तरीके से किया गया भंडारण दुर्घटनाओं और आग की घटनाओं को न्योता देता है।

यह होनी चाहिए कार्रवाई

अवैध भंडारण वाली इकाइयों की पहचान कर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए, सभी रिफैक्ट्रीज को एक निश्चित अवधि में अनुमति लेने के लिए बाध्य किया जाए, दोषी अधिकारियों पर भी हो जवाबदेही तय हो, जिला प्रशासन को शासन के आदेशों को सख्ती से लागू कराना चाहिए। जिले में रिफैक्ट्री उद्योग के नाम पर चल रहे अवैध खनिज भंडारण पर नकेल कसने की आवश्यकता है। शासन ने नियम बना दिए हैं, अब उन्हें लागू करवाने की जिम्मेदारी खनिज विभाग और स्थानीय प्रशासन की है।

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एक भी नहीं अनुमति सिर्फ आवेदन

खनिज विभाग से अनुज्ञप्ति लेने के लिए रिफैक्ट्री उद्योग संचालकों ने आवेदन किए हैं, लेकिन एक को भी विभाग ने अनुज्ञप्ति जारी नहीं की। विजयराघवगढ़ क्षेत्र से 16 कारोबारियों ने, मुड़वारा क्षेत्र से 23 कारोबारियों के आवेदन, ढीमरखेड़ा-बड़वारा क्षेत्र से 09 आवेदन विभाग में आए हैं। विभाग का कहना है कि कार्रवाई चल रही है, शीघ्र ही अनुज्ञप्ति दी जाएगी।

नहीं हो रही कार्रवाई

खनिज अधिकारी ने कही यह बात

रिफैक्ट्रीज में बगैर अनुमति के खनिजों का भंडारण किया जा रहा है, 2022 में नियम लागू हो जाने के बाद भी पालन नहीं हो रहा है। इस मनमानी पर खनिज विभाग कोई भी जांच कार्रवाई नहीं कर रहा। जिलेभर में मनमानी जारी है। सांठगांठ से मनमानी चल रही है। रत्नेश दीक्षित, उप संचालक खनिज का कहना है रिफैक्ट्री कारोबारियों को खनिज भंडारण के लिए अनुज्ञप्ति जारी करने आवेदन मंगाए गए हैं। अबतक 48 लोगों ने आवेदन किए हैं। शीघ्र ही अनुज्ञप्ति जारी की जाएगी। ये नियम 2022 से लागू हुए हैं, लेकिन न्यायालयों से स्टे आदि के चलते राहत मिलने के कारण प्रक्रिया अटकी हुई थी। फिर भी शासन के निर्देशों का पालन कराया जाएगा।