कटनी व सतना मैहर जिले के एक दर्जन से अधिक गांव के लोग बाजार करने बरही पहुंचते है। सबसे अधिक समस्या स्कूली बच्चों को होती है। पुल की दूसरी तरफ स्थित कुटेश्वर, इटौरा, धरी, अमिलिया, करेहा, हरदुआ, घोरहर, आमातारा, बदेरा, कुड़वा, रमपुरवा, धनवाही, मझगवां सहित अन्य गांव के लोगों का जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि लंबे समय से बंद पुल को चालू करवाने का सिर्फ आश्वासन दे रहे है लेकिन अबतक पुल चालू नहीं हुआ। नये पुल के लिए बीते दो वर्षों में अधिकारी व नेता निर्माण एजेंसी तक तय नहीं कर पाए है। ऐसे में आगामी वर्ष में भी पुल का निर्माण हो पाना संभव नजर नहीं आ रहा है।
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महानदी पुल के स्लैब में दरार, इसलिए है बंद
जानकारी के अनुसार बरही-मैहर मार्ग स्थित महानदी पुल के 900 मीटर के स्लैब में दरार आने से वाहनों के आवागमन पर पूर्णत: प्रतिबंध 7 दिसंबर 2012 को तत्कालीन कलेक्टर अवि प्रसाद ने लगाया था। प्रतिबंध लगाने की वजह में बताया गया था कि पुल में ऊपर (केआरईबी) में जिन स्थानों पर पहली बार रिहेविलिटेशन मरम्मत का कार्य कराया गया था। उन स्थानों के दायें और बायें ओर स्पष्ट रूप से क्रेक देखे गए। इसके अलावा एक्सपांसन ज्वाइंट भी क्षतिग्रस्त पाया गया। नाव से पुल के नीचे जाकर की गई जांच में रिबांउड हैमर से, यूपीवी की मदद से पुल के दो पियरों की जांच की गई, जो सुरक्षित स्तर के पाए गए लेकिन पुल के बैलेंस वैंटीलीवर स्लैब के निचले भाग में माइनर क्रेक भी तीन स्थानों पर मिले। पुल के निचले भाग में क्रेक होने की वजह से सुरक्षा एवं सावधानी के बतौर पुल पर वाहनों के आवागमन रोक लगाई गई थी।
प्रदर्शन को लेकर क्षेत्रीय विधायक संजय पाठक का कहना है कि जनता को तकलीफ हो रही है, जिसके चलते यह प्रदर्शन हुआ है। मैं खुद तकलीफ से आहत हूँ। पुल को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की गई है। विधानसभा में भी मैंने यह प्रश्न उठाया था। निर्माण कर्ता विभाग के उच्चाधिकारियों से भी निर्माण शुरू करने के निर्देश दिए गए किंतु यह एक कठिन तकनीकी कार्य होने के कारण अब तक तीन-तीन ठेकेदार टेंडर के बावजूद निर्माण से पीछे हट गए। इस विषय पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। विभाग निर्माण एजेंसी को ढूंढें या फिर कोई भी वैकल्पिक साधन तलाश करें पर पुल का निर्माण तत्काल शुरू होना चाहिए।
यह सडक़ घंटाघर से जगन्नाथ चौक की है। शहर के प्रमुख शक्तिपीठ में विराजी ‘मां जालपा’ के मंदिर इसी मार्ग से होकर पहुंचते है। करीब दो वर्षों से इस सडक़ को बनाने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन राजनीतिक दांवपेंच आड़े आ रहे है। शक्ति की उपासना के महापर्व शुरू होने वाला है, ऐसे में एक बार फिर स्थानीय लोग, माता के भक्त व दुर्गा समितियों के पदाधिकारियों ने सडक़ का निर्माण कराने की मांग को लेकर मंगलवार सुबह चक्क ाजाम करने का ऐलान किया गया। आमजन का कहना है कि गड्ढे और पैरों में चुभने वाली गिट्टी होकर से माता के भक्त उनके दर्शन को नंगे पांव कैसे पहुंचेगे।