
Municipal corporation Katni did corruption in park construction
कटनी. शहर के उपनगरीय क्षेत्र रामकृष्ण परमहंस वार्ड छपरवाह घाट में नगर निगम द्वारा एक करोड़ 4 लाख रुपये की लागत से बनाए जा रहे पार्क में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। नगर निगम के अधिकारियों की सांठगांठ से न सिर्फ पार्क गुणवत्ताविहीन बना है बल्कि ठेकेदार ने इम्पोर्टेड घास के स्थान पर देशी दूबा लगवा दी है। इसका खुलासा अबजाकर हुआ। बारिश के कारण दूबा बढ़कर दो से तीन फीट की हो गई है। ऐसे में पार्क का विस्तार जिस मंशा को लेकर कराया गया उस पर निगम अधिकारियों व ठेकेदार ने पानी फेर दिया है। बताया जा रहा है कि पार्क की 8 लाख रुपये में भी कटौती कर ली गई है। अभी 79 लाख 38 हजार से पार्क तैयार किया जा रहा है, शेष राशि फव्वारे, बैंच, डस्टविन सहित अन्य सुविधाओं का विस्तार होगा। स्थानीय लोगों की मानें तो ठेकेदार राजू परौहा द्वारा मानकों को ताक में रखकर पार्क का निर्माण जा रहा है और निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दिया।
पेवर ब्लॉक लगे ने ठीक से डिवाइडर
पार्क को समतल कर पैदल पाथ का निर्माण, चारो तरफ पौधरोपण के साथ मैदान में बलमुंडा इम्पोर्टेट घास लगाना था, लेकिन नहीं लगाई गई। बीच-बीच में कुछ पौधे अवश्य लगवा दिए गए हैं। इतना ही नहीं पार्क में पैदलपाथ पर पेवर ब्लॉक लगाने के साथ ही किनारे सुंदर पत्थर लगाए जाने थे, लेकिन वे भी ठीक से नहीं लगाए गए। लाइडिंग और पौधरोपण पर भी ठीक से काम नहीं हुआ और ना ही मैदान का समतलीकरण। ठेकेदार द्वारा जमकर मनमानी की और निगम के अधिकारी मौन रहे।
इसलिए जरुरी थी घास
बलमुंडा घास पार्क में लगाने के लिए इसलिए जरुरी था क्योंकि यह दिखने में सुंदर लगने के साथ ही आधुनिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार यह हरियाली का मानव मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़े। सुबह-शाम लॉन पर नंगे पांव चलने से प्राकृतिक रूप से एक्यूप्रेशर होता और आंखों को भी शीतलता लोगों को मिलती। अन्य पौधों के मुकाबले लॉन की विशेषता यह है कि यह वर्षभर हराभरा रहने के साथ बगीचे का स्थायी अंग बन जाता है, जिसे बारबार लगाने की आवश्यकता नहीं होती।
ले-आउट दिया न सुनी शिकायत
गुणवत्ताविहीन पार्क निर्माण को लेकर क्षेत्रीय पार्षद दिनेश मिश्रा ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्षद ने कहा कि शुरुआती दौर से ही ठेेकेदार राजू परौहा द्वारा काम मनमाने तरीके से किया गया। कई बार शिकायत इंजीनियर अश्वनी पांडेय व नोडल अधिकारी सुधीर मिश्रा से की, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। पांडेय से ले-आउट की कॉपी मांगी, लेकिन आजतक नहीं दी। आयुक्त को भी इस संबंध में अवगत कराया गया, इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया।
इनका कहना है
इस कार्य का मुझे नोडल अधिकारी बनाया गया है। पीडीएमसी कमेटी को काम देखना था। निगरानी के लिए कई बार गया। वहां पर विवाद हो जाता है। ठेकेदार को नोटिस दिया है, लेकिन सुधार नहीं हुआ। काम यदि गलत हुआ है तो राशि में कटौती करेंगे।
सुधीर मिश्रा, नोडल अधिकारी पार्क विकास।
इनका कहना है
पार्क में पेवर ब्लॉक लगाना था, उसकी अनुमति भोपाल से शायद रद्द हो गई है। घास की जगह ठेकेदार ने दूबा कैसे लगा दी इसकी जाएं कराई जाएगी। बाकी काम बेहतर हों इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
शैलेंद्र शुक्ला, अधीक्षण यंत्री नगर निगम।
Published on:
06 Nov 2019 11:21 am
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