
Weak PM HousingMunicipal Corporation Katni,
बालमीक पांडेय @ कटनी. जिन गरीबों व जरुरतमंदों के पास स्वयं की छत नहीं हैं ऐसे लोगों को छत प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas) के माध्यम से मुहैया कराने मुहिम चल रही है। नगर निगम द्वारा झिंझरी में बनाए जा रहे फेज-1 के पीएम आवास की गुणवत्ता सवालों में है। निर्माण कंपनी बीआरपीए एसोसिएट द्वारा बगैर बेस मजबूत किए ही बिल्डिंग बनाए जाने का (Nagar Nigam Katni) सनसनीखेज मामला सामने आया है। हैरानी की बात तो यह है कि इस मामले की शिकायत मई माह में की गई थी। जिसकी जांच होनी थी। जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज जांच भेजी गई, लेकिन पांच माह बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं आई और नगर निगम का कार्य जारी है। इस पूरे मामले की जांच के लिए तत्कालीन आयुक्त एबी सिंह के समय अधीक्षण यंत्री शैलेंद्र शुक्ला, सहायक इंजीनियर एचके त्रिपाठी, अनिल जायसवाल सहित एक अन्य अधिकारी की टीम गठित की गई। जिसमें गुणवत्ता की जांच और पत्थरों के गायब होने की जांच रिपोर्ट सौंपनी थी, जानकर ताज्जुब होगा कि यह रिपोर्ट आज दिनांक तक नहीं सौंपी गई। जांच टीम में शामिल अधिकारी तो इस कमेटी से भी अनभिज्ञ हैं। अब सवाल यह उठता है कि यदि रिपोर्ट निगेटिव आती है तो फिर जो लाखों खर्च कर लगभग 35 फीसदी काम हो गया है उसका क्या होगा। बता दें कि बेस मजबूत नहीं बनने, रैमिंग और वॉटरिंग पर ध्यान नहीं दिए जाने की बात सामने आई है।
लाखों के पत्थर गायब
बता दें कि जहां पर आवासों का निर्माणहो रहा है वहां पर पत्थरों की पहाड़ी थी। पत्थरों में ब्लास्टिंग कराकर तोड़ा गया है। बताया जा रहा है कि लाखों रुपयें के पत्थर जमीन को समतल करने के लिए निकाले गए हैं। ये पत्थर कहां गए नगर निगम के अधिकारियों को पता नहीं हैं। अनुराग गोस्वामी की शिकायत के बाद जांच कमेटी तो बनाई गई, लेकिन इस पर अबतक न जांच रिपोर्ट और ना ही कोई कार्रवाई हुई।
यह है पीएम फेज-1
प्रधानमंत्री आवास योजना फेज-1 के तहत बिलहरी रोड झिंझरी में आवासों का निर्माण चल रहा है। यहां पर 792 इडब्ल्यूएस और एलआइजी के 384 आवास बनने हैं।ये आवास 117 लाख रुपये की लागत से बन रहे हैं। एलआइजी में 16 लाख 50 हजार, एमआइजी का 19 लाख 25 हजार रुपये की दर निर्धारित की गई है। यहां पर बीआरपीए एसोसिएट द्वारा निमार्ण कार्य कराया जा रहा है, जिसके नोडल अधिकारी एचके त्रिपाठी बनाए गए हैं।
इनका कहना है
जांच के संबंध में तो मुझे जानकारी नहीं है, हां लेकिन यह बात तो सही है कि नीव बनाने में ठेकेदार सावधानी नहीं बरत रहे। रैमिंग और तराई ठीक से नहीं हो रही। इस बात के लिए मैंने भी निर्देश दिए हैं।
एचके त्रिपाठी, नोडल अधिकारी पीएम आवास फेज-01।
कमजोर नीव बनाए जाने की बात आई थी। उस समय मैं यहां पर नहीं था। इंदौर लैब से अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। काम गुणवत्तायुक्त हो इस बात का ध्यान रखा जाएगा। पत्थर बेचने की जांच चल रही है।
आरपी सिंह, आयुक्त नगर निगम।
शिकायत पर जांच की गई है। उसकी टेस्टिंग कराई गई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई होगी। कोई बड़ी गड़बड़ी रिपोर्ट में नहीं आएगी जिससे बिल्डिंग गिर जाए। पुअर वर्क में ठेकेदार का भुगतान काटा जाएगा। पत्थर कहा गए इसकी जांच चल रही है।
शैलेंद्र शुक्ला, अधीक्षण यंत्री नगर निगम।
Published on:
03 Nov 2019 09:35 pm
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