29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कटनी

गुरुवाणी से गूंजा शहर, पालकी पर सवार होकर भ्रमण में निकले गुरुग्रंथ साहिब, देखें वीडियो

सिक्खों के पहले गुरु गुरुनानक देवजी के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में सिरी गुरु सिंह सभा कटनी द्वारा आयोजित की गई नगर संकीर्तन भव्य शोभायात्रा का। इस मौके पर गुरवाणी पाठ, संकीर्तन और 'जो बोले सो निहाल सतश्री अकाल' के गगनभेदी जयघोष के बीच यह शोभायात्रा नगर के विभिन्न मार्गो से होकर गुजरी तो शहर का माहौल भक्तिमय हो गया। गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व के नाम से भी जाना जाता है। गुरु पर्व

Google source verification

कटनी

image

Balmeek Pandey

Nov 10, 2019

कटनी. धन नानक तेरी वड्डी कमाई…, नानक दुखिया सब संसार, नानक नाम मिले त जीवा, नानक सतगुरु वाहो-वाहो, कलतारण गुरुनानक आया, आबी बाबा नानका, सतगुरु नानक पर घटया, इक बाबा अकाल रूप मेरा साहिबा, लख खुशिया पातशाहियां, पुकार बाबा नानक नू, नानक चिंता मत करो जो बोले सो निहाल-सतश्री अकाल…। इन शबद-कीर्तन से बरही रोड शनिवार को गुंजायमान रहीं। अवसर था सिक्खों के पहले गुरु गुरुनानक देवजी के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में सिरी गुरु सिंह सभा कटनी द्वारा आयोजित की गई नगर संकीर्तन भव्य शोभायात्रा का। इस मौके पर गुरवाणी पाठ, संकीर्तन और ‘जो बोले सो निहाल सतश्री अकाल’ के गगनभेदी जयघोष के बीच यह शोभायात्रा नगर के विभिन्न मार्गो से होकर गुजरी तो शहर का माहौल भक्तिमय हो गया। गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व के नाम से भी जाना जाता है। गुरु पर्व को नानक देव के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह सिख धर्म का सबसे बड़ा पर्व होता है। सिख धर्म में इस दिन को प्रकाश उत्सव कहा जाता है। गुरुद्वारा से एमजेएस लांबा ने बताया कि गुरु नानकजी का जन्म 15 अप्रैल 1469 में तलवंडी नामक जगह हुआ था। सिख धर्म में 10 गुरु हुए हैं, माना जाता है कि गुरु नानकजी ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी। गुरु नानकजी ने अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु सभी के गुण समेटे हुए थे।

 

आंगनवाडिय़ों में ‘इ-मॉनीटरिंग आंगनवाड़ी प्रोजेक्ट’ एप से होगी निगरानी, 14 नवंबर से जिले की 1712 आंगनवाडिय़ों में होगा नवाचार

 

जगह-जगह हुआ पंज प्यारों का स्वागत सम्मान
नगर संकीर्तन यात्रा में महिलाओं और पुरुषों के अलग-अलग जत्थे भी ढोल-मजीरे के साथ गुरुवाणी का गायन करते हुए आगे बढ़ रहे थे। उसके आगे घोड़ों पर सशस्त्र साहिबान व पंच प्यारे साहिबान चल रहे थे। बीच में में फूलों की सजाई गई श्रीगुरु ग्रंथ साहिब की पालकी थी। गुरु की सवारी के आगे समुदाय के दर्जनों युवा और महिलाएं सड़क को साफ कर पालकी की सेवा कर रहे थे। शोभायात्रा का रास्ते में जगह-जगह लोगों ने भव्य स्वागत किया। हालांकि अयोध्या फैसले को लेकर सिर्फ रही रोड में ही नगर संकीर्तन यात्रा निकाली गई, उक्त यात्रा पूरे शहर में रद्द रही।

 

VIDEO: शहर की इस वीरान पहाड़ी में बनेगा सुंदर पार्क, लोगों को मिलेगा बेहतर स्थान, अधिकारी ने शुरू की जनभागीदारी से पहल

 

इनकी रही उपस्थिति
गुरुद्वारा प्रधान सम्पूरण सिंह सलूजा, सकत्तर एमजेएस लाम्बा, खजांची अवतार सिंह टूटेजा, निरंजन सिंह खुराना, गुरुचरण सिंह खुराना, गुरुभेज सिंह खुराना, सोनू खुराना, मंजीत सिंह, करण सिंह चौहान, राजा जगवानी, मौसूफ अहमद, मारूफ हनफी, मदनलाल ग्रोवर, बलदेव सिंह, रविंद्र सिंह, गोल्डी खुराना, राजन मांगट, संतोख सिंह, विक्की, हरजीत सिंह खुराना, इंदरजीत सिंह सहित बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही।

 

अमृत सहेजन इस शहर में शुरू हुई खास पहल, नदी के पानी को खदानों में किया जा रहा स्टोरेज, देखें वीडियो

 

12 को होंगे विविध आयोजन
सिख धर्म के प्रवर्तक धार्मिक पाखंडों से दूर रहकर कीरत करो का संदेश देने वाले, मानव उत्थान के प्रेरणा स्त्रोत गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। सिरी गुरु सिंह सभा द्वारा आयोजन को लेकर धूमधाम से तैयारी की गई है। सिरी गुरुसिंह सभा के सदस्यों ने बताया कि 12 नवंबर को गुरुपर्व बड़े हा धूमधाम से मनाया जाएगा।

 

 

 

11 नवंबर को श्री गुरुग्रंथ साहिब का पाठ शुरू होगा, जिसका समापन 12 नवंबर को होगा। 11 को सुबह बजे से निशान साहेब की सेवा होगी। 12 नवंबर को सुबह 8 बजे से गुरुपूरब दिन का दीवान, शाम 7 बजे से रात्रि का दीवान होगा। 13 को गुरुपूरब का समापन होगा। 12 नवंबर को दोपहर 12 बजे से लंगर शुरू होगा।