
Negligence in security of banks
कटनी. बरगवां स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन बैंक में 22 नवंबर 2022 को हुई सनसनीखेज डकैती को ढाई साल बीत चुके हैं, लेकिन लूट का 15 किलो सोना और 3.56 लाख रुपए नकद आज तक बरामद नहीं हो सके हैं। हथियारबंद डकैतों की इस वारदात ने शहर की बैंकिंग सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। हाल ही में सिहोरा इसाफ बैंक में हुई डकैती के बाद पुलिस ने जिले में अलर्ट जारी किया और बैंकों को सुरक्षा पुख्ता करने के निर्देश दिए। बावजूद इसके शहर के बैंकों और एटीएम में सुरक्षा व्यवस्था में कोई खास सुधार नहीं दिखा।
पत्रिका टीम ने शहर के कई बैंकों का निरीक्षण किया तो चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई। कई बैंकों में सुरक्षा कर्मी नदारद थे। जहां सुरक्षा गार्ड मौजूद थे, वे ग्राहकों से बातचीत या गप्पों में मशगूल नजर आए। कुछ गार्ड केवल कुर्सी पर बैठे समय गुजारते दिखे। ज्यादातर जगहों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी कंपनियों के हाथ में है, जिनके कर्मियों की संख्या बमुश्किल एक या दो है।
पत्रिका टीम दोपहर 12.48 पर मुड़वारा एसबीआई ब्रांच पहुंची। यहां पर एक भी सिक्योरिटी गार्ड नहीं दिखा। बैंक मैनेजर विकास गुप्ता का कहना था कि यहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। सिक्योरिटी गार्ड नहीं हैं। बैंक में बेरोक-टोक लोगों की आवाजाही जारी रही।
12.53 पर पत्रिका टीम बरही रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा पहुंची। यहां पर पाया कि इतने बड़े बैंक की सुरक्षा सिर्फ एक शस्त्रधारी निजी कंपनी के सुरक्षाकर्मी के भरोसे है। यहां पर तैनात कर्मचारी सुरक्षा की बजाय उपभोक्ताओं की में जुटे रहते हैं।
स्टेशन रोड स्थित केनरा बैंक में जब पत्रिका टीम दोपहर 1.15 पर पहुंची तो यहां पर एक बंदूकधारी सुरक्षा कर्मी मिले। उनका कहना था कि यहां पर दो शिफ्ट में ड्यूटी लग रही है। जब टीम पहुंची तो वे आराम से कुर्सी में बैठे थे।
पत्रिका टीम 1.18 पर विश्वकर्मा पार्क के समीप स्थित बैंक ऑफ इंडिया पहुंची। यहां पर दो सशस्त्र सुरक्षाकर्मी तैनात दिखे, जो आने-जाने वाले लोगों से पूछताछ कर रहे थे।
यह नजारा दोपहर 1 बजकर 21 मिनट का सुभाष चौक स्थित यूनियन बैंक का है। यहां पर एक सुरक्षाकर्मी दिखे जो कुर्सी पर बैठे थे। यहां पर एटीएम में व बैंक में लोग बेरोकटोक आते-जाते दिखे।
पत्रिका टीम 1.28 पर मुख्य शाखा भारतीय स्टेट बैंक पहुंची तो देखा कि गेट से लेकर परिसर तक कोई भी सुरक्षा कर्मी तैनात नहीं था। बाद में एक शस्त्रधारी सुरक्षा कर्मी पहुंचे और कहा कि कैश में चले गए थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षा में यह ढिलाई अपराधियों को खुलेआम मौका देती है। बैंक प्रबंधन और पुलिस दोनों को मिलकर स्थायी समाधान निकालना होगा, वरना डकैती की घटनाएं दोहराई जा सकती हैं। शहर के बैंकों में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह नाकाफी नजर आ रही है। पत्रिका टीम ने इसकी पड़ताल की, तो चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई। बैंकों की सुरक्षा का जिम्मा ज्यादातर निजी कंपनियों के हाथों में है, लेकिन इन कंपनियों की ओर से भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। सरकारी स्तर पर प्रशिक्षित सुरक्षा बल तैनात करने चाहिए। सीसीटीवी और अलार्म सिस्टम को अपग्रेड करना और नियमित ऑडिट सुनिश्चित करना होगा।
अभिनय विश्वकर्मा, एसपी ने कहा कि सुरक्षा को लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर है। हाइवे, बैंक आदि की जांच हो रही है। बैंक अधिकारियों को भी पुख्ता सुरक्षा रखने के निर्देश दिए जाएंगे। सतत जांच भी कराई जा रही है।
Published on:
16 Aug 2025 08:50 pm
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