Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हे भगवान! उधारी के अफसरों के भरोसे कई विभागों में चल रहा सरकारी कामकाज

No posting of officers in many departments

3 min read
Google source verification

कटनी

image

Balmeek Pandey

Nov 10, 2024

No posting of officers in many departments

No posting of officers in many departments

शासन-प्रशासन की अनदेखी से आधा दर्जन से अधिक विभागों में नहीं हैं अधिकारी, दो कई जगह दो विभागों का प्रभार होने से कामकाज हो रहा प्रभावित
पदस्थापना को लेकर गंभीर नहीं जिम्मेदार विभाग, जनप्रतिनिधियों को नहीं समस्या से सरोकार

कटनी. जिले में कई विभाग बिना नियमित अधिकारियों के काम कर रहे हैं, जिससे विभागीय कामकाज पर असर पड़ रहा है। खनिज विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, कृषि विभाग, पिछड़ा वर्ग विभाग, जिला परियोजना अधिकारी आदि प्रमुख विभागों में वरिष्ठ अधिकारियों का अभाव है। इसके चलते या तो अन्य विभाग प्रमुख इन विभागों का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं या फिर निचले स्तर के अधिकारियों के माध्यम से काम चलाया जा रहा है। इससे विभागीय कार्यों में देरी हो रही है और जनता को समय पर सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। जिले में अधिकारियों की कमी से जनता को समय पर सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। यह मुद्दा शासन-प्रशासन की अनदेखी को दर्शाता है, जो समय रहते नहीं सुधारा गया तो जिले की कार्यप्रणाली और अधिक बाधित हो सकती है।

नन्हे गजराज का रेस्क्यू: वीडियो में देखें 150 अफसरों व कर्मचारियों की फौज ने कैसे बचाया

खनिज विभाग में अबतक नहीं पदस्थापना
खनिज विभाग में जून माह से उप संचालक की सीट खाली है। जून माह में जिला खनिज अधिकारी संतोष सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद से इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की गई है, जिससे खनिज से जुड़े कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। फिलहाल संयुक्त कलेक्टर संस्कृति शर्मा के पास इस विभाग का अतिरिक्त प्रभार है, लेकिन अतिरिक्त जिम्मेदारी के कारण कार्यों पर उनकी पूरी निगरानी संभव नहीं हो पा रही है। सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व देना वाला जिला होने के बाद व खनिज जैसा प्रमुख विभाग होने के बाद भी अबतक पदस्थापना न हो पाना समझ के परे है।

सामाजिक न्याय विभाग भी उधारी में
सामाजिक न्याय विभाग की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। इस विभाग का प्रभार जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के नयन सिंह को सौंपा गया है। दो प्रमुख विभागों का काम देख रहे अधिकारी के पास समय की कमी के चलते कामकाज पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है। कई कार्य समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। हर विभाग की योजनाओं पर ध्यान देना, बीसी अटेंड करना, बैठक व समय पर क्रियान्वयन बड़ा मुश्किल काम हो रहा है।

नियम विरुद्ध चल रहे थे 8 पैथोलॉजी सेंटर्स, बंद करने के आदेश से मचा हडक़ंप

पिछड़ा वर्ग विभाग में भी समस्या
अल्य संख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में पहले जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग पूजा द्विवेदी के पास अतिरिक्त प्रभार था, अब कुछ माह से एडी जबलपुर आशीष दीक्षित के पास प्रभार है, जो जबलपुर से देख रहे हैं, ऐसे में विभागीय कार्यों की निगरानी में कमी आ रही है। यह समस्या कई माह से बनी हुई है। यहां पर अधिकारी की पोस्टिंग के लिए विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विभाग में पहुंचने वाले लोगों को भी परेशानी हो रही है।

कृषि विभाग में भी प्रभारी अधिकारी
कृषि हमारे देश की रीढ़ है, बावजूद इसके ऐसे विभाग में अधिकारी व स्टॉफ की कमी होना जिम्मेदारों की संवेदनशीलता को दर्शाता है। कृषि विभाग में भी प्रभारी अधिकारी कुर्सी संभाल रहे हैं। सहायक संचालक कृषि मनीष मिश्रा को उप संचालक कृषि का प्रभार शासन स्तर से दिया गया है। विभाग में स्टॉफ की भी भारी कमी है। इससे किसानों के काम समय पर नहीं हो पा रहे हैं, और उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है। किसानों को समसमायिक सलाह भी नहीं मिल पा रही है। वहीं दूसरी ओर आत्मा परियोजना अधिकारी रजनी सिंह चौहान वरिष्ठता क्रम में ऊपर हैं, इसके बाद भी उप संचालक का प्रभारी नहीं दिया गया।

सीट से नदारद रहे डॉक्टर, तेज बुझार व दर्द से परेशान हुए मरीज

योजना योजना अधिकारी का डीसी के पास प्रभार
योजना एवं सांख्यिकी विभाग में जिला योजना अधिकारी का पद भी उधारी के अधिकारी के भरोसे चल रहा है। यहां पर पदस्थ अधिकारी राधा पुराविया के निधन के बाद प्रभार से काम चल रहा है। वर्तमान में नगर निगम उपायुक्त वित्त पवन अहिरवार को कामकाज सौंपा गया है। दो विभागों के प्रमुख कामकाज होने से दोनों स्थानों में समय देना बड़ा मुश्किल हो रही है। इससे विभागीय योजनाओं व कामकाज पर सीधा असर पड़ रहा है।

जिला अंतव्यवसायी में भी यही हाल
जिला अंतव्यवसायी विभाग भी उधार के अधिकारी के भरोसे चल रहा है। यहां पर कई जन कल्याणकारी योजनाओं का संचालन होने के बाद भी यह विभाग प्रभारी अधिकारी के भरोसे चल रहा है। जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग पूजा द्विवेदी के पास प्रभारी है।

सरकार का ध्यान नहीं, विभागीय कार्य ठप
कई विभाग न केवल अपने वरिष्ठ अधिकारियों की कमी से जूझ रहे हैं, बल्कि सहायक अधिकारी, लिपिक, और अन्य स्टॉफ की भी कमी बनी हुई है। इससे कामकाज प्रभावित हो रहा है और जनता को समय पर सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। प्रशासन और शासन की अनदेखी के चलते ये विभाग उधारी के अधिकारियों के सहारे चल रहे हैं, जिससे जिले की व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।