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इस जिले में बनने थे सात सीएम सरोवर, आरइएस विभाग की सामने आई बड़ी बेपरवाही, पांच की नहीं रखी गई नींव, दो भी अधूरे

locationकटनीPublished: Jul 01, 2019 12:14:54 pm

Submitted by:

balmeek pandey

पिछले कुछ दशकों से कटनी जिले में पेयजल बहुत बड़ी समस्या बन गया है। आधारभूत पंचतत्वों में से एक जल हमारे जीवन का आधार है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जीवन के लिये जल की महत्ता को हर कोई समझ रहा है, जल संरक्षण पर कागजी घोड़े भी दौड़ रहे हैं। जल संकट की समस्या जन-जनतक पहुंचाने व सचेत करने के लिए प्रशासन द्वारा पहल तो की गई, लेकिन कार्ययोजना में जिम्मेदार फेल नजर आ रहे हैं। जिनमें से सीएम सरोवर भी एक उदाहरण है…

Not Construction of CM Sarovar in Katni district

Not Construction of CM Sarovar in Katni district

कटनी. जिले का जल स्तर तीन वर्षों में जिस तेजी से गिर रहा है जो चिंता का कारण बन गया है। तीन साल पहले याने की 2017 में जिले में 90 से लेकर 100 फीट में इफरात भूमिगत पानी निकल आता था, लेकिन स्थिति अब 140 से लेकर 200 फीट तक पहुंच गई है। कई स्थानों पर तो 250 का भी आंकड़ा पार हो रहा है, इसके बाद भी वर्षा जल को सहेजने जिले में गंभीर बेपरवाही बरती जा रही है। ग्रामीणों को निस्तार के लिए पानी मुहैया कराने, मवेशियों के लिए पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था करने और जल स्तर लेवल को बढ़ाने के लिए जिले में सीएम सरोवर (तालाब) की स्वीकृति मिली। जिले के सात स्थानों पर सीएम सरोवर का निर्माण जुलाई 2019 में कंपलीट किया जाना था। यह निर्माण कार्य आरइएस द्वारा कराया जाना है, लेकिन हकीकत चौकाने वाली है। जिले के सिर्फ दो ही गांव बहोरीबंद के जुजावल और बड़वारा के कुआं गांव में सीएम सरोवर का निर्माण शुरू हो पाया है। जुजावल में 94 लाख और कुआं में 52 लाख की लागत से आरइएस द्वारा निर्माण कराया जा रहा है वह भी आधा-अधूरा है। शेष पांच की नींव तक नहीं रखी गई और हजारों ग्रामीण लाभ से वंचित रह गए।

 

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इन सरोवरों की नहीं रखी गई नींव
हैरारी की बात तो यह है कि ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा जिले में पांच सरोवर निर्माण की नींव तक नहीं रखी गई। कटनी विकासखंड के ग्राम इमलिया, ढीमरखेड़ा विकासखंड के ग्राम भमका और आमझाल, बहोरीबंद विकासखंड के ग्राम कौडिय़ा, विजयराघवगढ़ विकासखंड के रजरवारा गांव में सरोवरों का निर्माण कराया जाना था। इन पांचों गांवों में अबतक विकास की नींव तक नहीं रखी गई।

 

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खास-खास:
– जुजावल में 6 स्क्वायर किलोमीटर, कुआं में 40 स्क्वायर किलोमीटर सरोवर का हो रहा निर्माण।
– एक साल में पूरा करना था निर्माण, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग अबतक शुरू नहीं करा पाया निर्माण कार्य।
– वनग्राम आमाझाल में वन विभाग से नहीं मिली एनओसी, ग्रामीणों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ।
– विभागीय अधिकारी, जिला प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों ने नहीं दिया ध्यान, अफसर भी हैं अनजान।

– – सीएम सरोवर जो दो बन रहे हैं उनमें गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं

यह बताया जा रोड़ा
विभागीय सूत्रों की बात मानें तो जिले में सीएम सरोवर निर्माण न होने की मुख्य वजह अधिकारियों द्वारा रुचि न लेना है। समय-समय पर पहल न होने के कारण पांच सरोवरों का निर्माण शुरू नहीं हो सका। इसके अलावा विभागीय अधिकारी यह भी राग अलाप रहे हैं कि सरोवर निर्माण के लिए बजट ही नहीं मिला तो क्या किया जाए। जबतक रुपये नहीं मिलेंगे तो कैसे काम कराया जाएगा। कुछ स्थानों पर तकनीकी खामी के कारण भी निर्माण शुरू नहीं हो पाया।

 

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इनका कहना है
जिले में सात सीएम सरोवर स्वीकृत हुए थे। जुजावल और कुआं में सरोवर का निर्माण चल रहा है। हालांकि सभी का जुलाई में निर्माण कार्य पूर्ण होना था। बजट न मिलने सहित अन्य तकनीकी समस्या के कारण निर्माण शेष में शुरू नहीं हो पाया।
सुरेश टेकाम, कार्यपालन यंत्री आरइएस।

जिले में सीएम सरोवर निर्माण क्यों नहीं हुए हैं, अभी इस संबंध में कुछ नहीं कह पाऊंगा। सोमवार को इस संबंध में चर्चा करूंगा।
शशिभूषण सिंह, कलेक्टर।

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