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इस मोर्चे की सरकार ने नही मानी बात तो विधानसभा चुनाव में उतारेगा प्रत्याशी, मोर्चे ने दी सरकार को चेतावनी, बढ़ाई हलचल

कुपोषित बच्चों का २६ दिन से बिना डायटिशियन उपचार तो ३८ विभागों में लटके ताले

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कटनी. जिला अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों का इलाज बिना डायटिशियन के चल रहा है। डायटिशियन संविदा कर्मचारी होने के कारण हड़ताल पर हैं। ऐसे में यहां भर्ती दर्जन भर से अधिक कुपोषित बच्चों का उपचार नर्स के भरोसे चल रहा है। उल्लेखनीय है कि कुपोषित बच्चों का पोषण बढ़ाने के लिए डायटिशियन की सलाह जरुरी है। संविदा कर्मचारियों के हड़ताल के कारण जिला अस्पताल ही नहीं अन्य शासकीय कार्यालय में भी आमजनो के लिए संचालित की जा रही सेवाएं चरमरा गई है। संविदा के रूप में ३८ विभागों में पदस्थ होकर कार्य कर रहे अधिकारियों-कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण विभागों में ताले लटके रहे। इधर, सरकार की योजनाओं का लाभ लेने ब्लॉक व जिला के विभिन्न दफ्तरों में पहुंचे लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा। जिला पंचायत के अधिकारियों-कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने के कारण शुक्रवार को जिला पंचायत सभागार में होने वाली सामान्य सभा की बैठक भी नहीं हुई।

चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करने की चेतावनी

नियमितिकरण की मांग को लेकर दूसरे दिन यानि शुक्रवार को भी संविदा अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहे। मप्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा मंच के बैनर तले हड़ताल कर रहे ३८ विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों ने मांग पूरी नही होने पर आने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करने की सरकार को चेतावनी दी। पीडब्ल्यूडी ऑफिस के पास धरने पर बैठे कर्मचारियों ने उपवास रखकर विरोध प्रदर्शन किया। संयुक्त संघर्ष कर्मचारी मोर्चा संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. अजीत सिंह ने कहा कि जिन कर्मचारियों को सरकार ने बाहर कर दिया है, उनको वापस ले। संविदा के पद पर कार्य करते हुए कई साल का समय बीत गया है, उसके बाद भी नियमिति नही किया जा रहा है। ऐसे में संविदा कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में है। विरोध प्रदर्शन के दौरान आशुतोष खरे, चंद्रभूषण चौबे, राघवेंद्र शर्मा, ज्ञानेंद्र सिंह, सौरभ विश्वकर्मा, दिनेश विश्वकर्मा, बबीता सिंह, दिनेश गोस्वामी, लक्ष्मण बुनकर, मनीष जैन, मृगेंद्र सिंह, राजीव गौतम, वर्षा जैन, नीतू सिंह, कृपांशकर तिवारी सहित समस्त विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

खून से जलाए दिए
नियमितिकरण की मांग को लेकर शुक्रवार से आदर्श प्रेरक संघ के सदस्य भी धरने पर बैठ गए। कलेक्ट्रेट परिसर के सामने धरने पर बैठे सदस्यों ने खून से दिए जलाए। २० हजार रुपये वेतन, निकाले गए प्रेरकों को बहाल करने व नियमित करने की मांग की। कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।