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MP के इस जिले में स्वच्छ भारत मिशन की खुली बड़ी पोल, 65 हजार घरों के सत्यापन में गायब मिले ये 4 हजार से अधिक निर्माण

30 सितंबर 2018 को कटनी जिला खुले शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित हो चुका है। यह तमगा सिर्फ कागजों में मिला है यह कहना अतिश्योक्ति नही होगी। क्योंकि अब भी ऐसे शौचालय स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने हैं जो या तो उपयोग के लायक नहीं हैं या फिर ग्रामीण उनका लकड़ी-कंडा रखने के लिए उपयोग कर रहे हैं। इसके पीछे की मुख्य वजह एक यह भी है कि गांवों में पानी की सुविधा नहीं है। लोग पेयजल का तो इंतजाम कर नहीं पा रहे तो फिर प्रसाधन के लिए इतना पानी कैसे जुटाएं यह सबसे बड़ी चुनौती है।

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कटनी

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Balmeek Pandey

Jun 10, 2019

Svachchhata survey team inspected

Svachchhata survey team inspected

कटनी. 30 सितंबर 2018 को कटनी जिला खुले शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित हो चुका है। यह तमगा सिर्फ कागजों में मिला है यह कहना अतिश्योक्ति नही होगी। क्योंकि अब भी ऐसे शौचालय स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने हैं जो या तो उपयोग के लायक नहीं हैं या फिर ग्रामीण उनका लकड़ी-कंडा रखने के लिए उपयोग कर रहे हैं। इसके पीछे की मुख्य वजह एक यह भी है कि गांवों में पानी की सुविधा नहीं है। लोग पेयजल का तो इंतजाम कर नहीं पा रहे तो फिर प्रसाधन के लिए इतना पानी कैसे जुटाएं यह सबसे बड़ी चुनौती है। हैरानी की बता तो यह है चार हजार से अधिक घरों में प्रसाधन ही नहीं है तो फिर कैसे जिला ओडीएफ! जिले में 2012 बेसलाइन सर्वे के अनुसार एक लाख 85 हजार 675 प्रसाधन का निर्माण कराकर जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। जबकि ओडीएफ की घोषणा इसी शर्त पर होना था जब समुदाय पूरी तरह से खुले में शौच जाना बंद कर दे। यहां तक कि खेल-खलिहान में रहने वाले लोग भी। बगैर सत्यापन के ही जिला ओडीएफ हो गया। जिला पंचायत द्वारा एक नवाचार शुरू किया गया। ओडीएफ की हकीकत जानने व लोगों को प्रसाधन उपयोग के लिए जागरुक करने स्वच्छताग्राहियों से सर्वे कराया जा रहा है। इस सर्वे में चौकाने वाले परिणाम सामने आ रहे हैं। 534 स्वच्छताग्राही और 14 संकुल सहजकर्ता के माध्यम से हो रहे सर्वे कराया जा रहा है। 65 हजार 526 घरों का सर्वे हुआ है, जिसमें यह बात सामने आई है कि 4 हजार 347 घरों में प्रसाधन ही नहीं हैं और परिवार के लोग खुले में शौच के लिए विवश हैं।

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खास-खास:
- एक लाख 85 हजार 763 घरों में कराया जाना है स्वच्छता का सर्वे
- 30 मई तक सर्वे होना था पूरा, समय बढ़ाकर किया गया 30 जून
- अभी भी ग्रामीणों को जागरुक नहीं कर पाए जिम्मेदार विभाग।
- 12 विभाग मिलकर भी नहीं जगा पाए स्वच्छता की अलख।

यह है पांच जून तक की स्थिति
पांच जून तक की सवच्छता संबंधी ओडीएफ निरंतरता गतिविधि सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जिले के 977 गांवों में सर्वे होना है। 796 ग्रामों में स्वच्छता का आंकलन किया गया। 2343 में से 1441 संस्थाओं में भी स्वच्छता की नब्ज टटोली गई, जिसमें स्कूल, आंगनवाड़ी, जनपद, ग्राम पंचायत सहित अन्य सरकार दफ्तर शामिल हैं। अभी भी एक लाख 20 हजार 149 घरों का सत्यापन होना बाकी है।

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इनका कहना है
जिले में स्वच्छता सर्वे स्वच्छताग्राहियों के माध्यम से कराया जा रहा है। कुछ घरों में प्रसाधन न होने की रिपोर्ट आई है। अभी 30 जून तक चलने वाले सर्वे के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। वास्तविक रिपोर्ट के बाद छूटे सदस्यों के यहां प्रसाधन बनवाने व लोगों को जागरुक करने अभियान चलेगा।
आनंद पांडेय, जिला समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन।