बता दें कि पासपोर्ट के लिए पहले तो लोगों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। इसके लिए पहले दस्तावेज आदि सत्यापन के लिए जबलपुर, सतना, भोपाल, सागर जाना पड़ता है। वहां की प्रक्रिया के लगभग एक सप्ताह बाद फिर थाना से वेरीफिकेशन होता है। थाने के बाद फार्म ऑनलाइन एसपी कार्यालय जाते हैं, जहां से फिर आके कर पासपोर्ट कार्यालय भेजे जाते हैं। जिले में हर दिन 8 से 10 लोग पासपोर्ट बनावाने के लिए पहुंचते हैं, जिन्हें जहां पर स्लॉट खाली होने पर बुकिंग मिलती है। भोपाल, जबलपुर आदि के जिलों में जाना पड़ता है। कोई आपराधिक रिकॉर्ड न होने व होने पर आगे की कार्रवाई होती है। कहीं पर शंका होने पर एसपी ऑफिससे आगे की कार्रवाई होती है।
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इस तरह से लोगों ने बताई समस्या
शास्त्री कॉलोनी निवासी गौरव सिंह, रामनिवास सिंह वार्ड निवासी अनिकेत पांडेय व स्वप्निल टूडहा ने बताया कि उन्होंने पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया, उन्हें सत्यापन प्रक्रिया के लिए सतना जाना पड़ा। इसमें समय, रुपये दोनों की बर्बादी हुई। शहर में ही कार्यालय होने से लोगों को बड़ा फायदा होगा। लोगों का कहना है कि कटनी में पासपोर्ट कार्यालय खुलने से लोगों को राहत मिलेगी। कटनी में पासपोर्ट बनेगा तो यह लोगों के घर जल्द ही डिलीवर हो जाएगा।
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