25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हद दर्जे की लापरवाही: दाल-सब्जी रहती है पतली, थाली की बजाय हाथों में दिया जा मरीजों को भोजन

मेसर्स रघुकुल सामाजिक सेवा एवं मानव कल्याण संस्थान मरीजों को चाय, नाश्ता, भोजन कराने में नहीं किया जा रहा नियमों का पालन

3 min read
Google source verification

कटनी

image

Balmeek Pandey

Aug 24, 2025

Serious negligence in feeding patients

Serious negligence in feeding patients

कटनी. जिला चिकित्सालय में तीन से चार जिलों कटनी, सतना, मैहर, उमरिया, पन्ना आदि के आते हैं। प्रतिदिन एक हजार के ऊपर ओपीडी पहुंच रही है। 350 बिस्तर की क्षमता वाले अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या हर रोज 125 से अधिक है। भर्ती मरीजों की न सिर्फ समय पर समुचित इलाज कराया जाना है बल्कि उन्हें गुणवत्तायुक्त भोजन भी मुहैया कराया जाना है, जिसमें घोर लापरवाही बरती जा रही है। पहले कई साल से जिला अस्पताल प्रबंधन ही रसाई का काम संभाल रहा था, लेकिन अब जुलाई माह मेसर्स रघुकुल सामाजिक सेवा एवं मानव कल्याण संस्थान शहडोल को काम सौंपा गया है।
संस्था द्वारा भर्ती मरीजों को शासन द्वारा निर्धारित मानकों एवं निविदा शर्तों के अनुसार भोजन नहीं मुहैया कराया जा रहा। इस पर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. यशवंत वर्मा ने संस्थान के संचालक राज तिवारी को नोटिस थमाया है। नोटिस जारी कर दो दिवस में जवाब तलब किया है। मरीजों की सुविधाओं में अनदेखी का सिलसिल निजी एजेंसी के हाथों जिम्मेदार सौंपने के बाद भी जारी है।

9 जुलाई से लगातार नोटिस

जानकारी के अनुसार संस्थान को 8 जुलाई को अस्पताल का भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई। 9 जुलाई से शासन द्वारा तय मेन्यू के अनुसार चाय, नाश्ता, बिस्किट, टोस्ट, गुड़ के लड्डू, दूध और दोनों समय का भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन इसके बाद से प्रतिदिन किसी न किसी आवश्यक खाद्य सामग्री की आपूर्ति में गंभीर लापरवाही बरती गई है। 9 जुलाई से लगातार भोजन की गुणवत्ता व मात्रा में भारी कमी रही। 15 जुलाई को सिविल सर्जन द्वारा नोटिस दिया गया। फिर भी सुधार नहीं हुआ। सीएस द्वारा 12 अगस्त को फिर नोटिस दिया गया। अब एक बार फिर 18 अगस्त को राज तिवारी को नोटिस थमाया गया है।

मरीजों को नहीं मिल रहा तयशुदा भोजन

मरीजों व उनके परिजनों की लगातार शिकायतें मिल रहीं हैं। मानकों के अनुरूप भोजन न मिलने से भर्ती मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भोजन की अव्यवस्था के चलते जिला अस्पताल की छवि धूमिल हो रही है व स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

पूर्व की निगरानी में ये आईं थी खामी

इसके बाद कई बार तो सिर्फ दूध ही 200 मिली मात्रा में कुछ मरीजों को दिया गया, जबकि गुड़ के लड्डू, टोस्ट, बिस्किट, सलाद जैसी वस्तुएं पूरी तरह नदारद रहीं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि संस्थान द्वारा भोजन वितरण का कोई रजिस्टर तक संधारित नहीं किया गया, जिससे यह सत्यापित नहीं हो पा रहा है कि कितने मरीजों को भोजन उपलब्ध कराया गया।

छह राज्यों में स्वाद का जादू बिखेर रहा कटनी का ‘स्वीट व हाइब्रिड कॉर्न’

इन समस्याओं से भी घिरा है अस्पताल

  • अस्पताल में नहीं हैं दो साल से रेडियोलॉजिस्ट, एक सोनोलॉजिस्ट के भरोसे सोनोग्रॉफी, एक सप्ताह तक करना पड़ रहा गर्भवती महिलाओं व मरीजों को इंतजार।
  • इन दिनों मौसमी बीमारी, वायरल के चलते मरीजों का उमड़ रहा है रेला, समय पर नहीं मिल रहा समुचित इलात, चिकित्सक जांच में निभा रहे औपचारिकता।
  • समय पर नहीं हो रहे मरीजों के एक्सरे व नहीं मिल रही रिपोर्ट, दूसरे दिन काटने पड़ते हैं चक्कर, फिल्म की बजाय सादे कागज में रिपोर्ट का दिया जा रहा प्रिंट।
  • दोपहर एक बजे के बाद ओपीडी में नहीं रहती चिकित्सक की सुविधा, सिर्फ देखे जाते हैं इमरजेंसी केस, शाम की ओपीडी सिर्फ कागजों में।

वर्जन
भोजन बनाने वाली संस्था के संचालक को नोटिस जारी कर दो दिवस के अंदर लिखित प्रतिवेदन मांगा गया है। भोजनालय के लिए की गई खरीदी का स्टॉक पंजी और संबंधित बिल प्रस्तुत करना होगा। निर्धारित समय में जवाब न देने की स्थिति में इसे निविदा शर्तों का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। अन्य व्यवस्थाएं भी ठीक कराएंगे।
डॉ. यशवंत वर्मा, सीएस।