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चुनौतियों को बनाया ताकत, चिकित्सा-सेवा में मिसाल बन रहीं डॉ. सोंधिया

दिव्यांगता और सडक़ हादसे के बावजूद महिलाओं के उपचार में निरंतर जुटीं, जरूरतमंदों का करती हैं नि:शुल्क इलाज

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कटनी

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Balmeek Pandey

Sep 23, 2025

story of a struggling female doctor

story of a struggling female doctor

कटनी. जीवन की सबसे कठिन चुनौतियां ही यदि किसी की सबसे बड़ी ताकत बन जाएं, तो वह इंसान समाज के लिए प्रेरणा बन जाता है। नई बस्ती निवासी डॉ. आरती सोंधिया ऐसी ही मिसाल हैं। बचपन से ही पोलियो जैसी बीमारी से जूझते हुए भी उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना संजोया और उसे पूरा कर दिखाया। आज वे जिला अस्पताल कटनी में पदस्थ हैं और हर दिन 100 से 150 महिलाओं-युवतियों का उपचार कर रही हैं। डॉ. आरती ने बचपन से ही डॉक्टर बनने का निश्चय किया। कठिन परिस्थितियों के बावजूद पढ़ाई में निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और 1996 में जबलपुर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की उपाधि प्राप्त की। 2006 से वे निरंतर महिला स्वास्थ्य सेवा में जुटी हुई हैं।

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हादसे ने तोड़ा नहीं, बनाया और मजबूत

पोलियो से पीडि़त होने के बाद भी आरती ने पढ़ाई नहीं छोड़ी। लेकिन किस्मत ने और भी परीक्षा ली। इंटर्नशिप के दौरान उनका गंभीर सडक़ हादसा हुआ, जिसमें उनके शरीर में रॉड डाली गई। लंबे इलाज और पीड़ा झेलने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और फिर खड़ी होकर अपने सेवा के सफर को जारी रखा।

नि:शुल्क इलाज से जुड़ी मिसाल

डॉ. आरती हर दिन अस्पताल में सैकड़ों मरीजों को देखती हैं। इसके अलावा क्वार्टर पर भी लगभग 40 से 50 महिलाओं को उपचार देती हैं। खास बात यह है कि जिन महिलाओं के पास फीस देने के पैसे नहीं होते, उनका वे नि:शुल्क इलाज करती हैं। समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्ग के लिए उनका यह कदम महिला सशक्तिकरण और मानव सेवा की मिसाल है।

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महिला सशक्तिकरण की सजीव प्रतीक

डॉ. आरती सोंधिया का जीवन उन सभी महिलाओं और युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कठिन परिस्थितियों में हार मान लेते हैं। उन्होंने साबित किया कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो कोई भी चुनौती इंसान के कदम नहीं रोक सकती। उनका यह समर्पण और संघर्ष महिला सशक्तिकरण का वास्तविक उदाहरण है।