
मुकुंदपुर टाइगर सफारी पहुंचे सफेद बाघ शावक वन्या और शक्ति, दहाड़ सुनकर बढ़ रहा पर्यटकों का रोमांच
कटनी. बड़वारा-बरही वन परिक्षेत्र दिसंबर 2021 में मिले बाघ शावक व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर की शान बन गए हैं। हर दिन दहाड़ मारते हुए दोनों आपस में अठखेलियां करते हैं। 6 जून को कटनी के दोनों बाघ शावकों का नामकरण भी हो गया है। अब वो वन्या और शक्ति के नाम से जाने जाएंगे। बरही वन परिक्षेत्र के अंतर्गत झिरिया नर्सरी के जंगल में मिले दो बाघ शावक जंगल से भटक गए, जिन्हें वन विभाग की ओर से 20 दिसंबर को मुकुंदपुर टाइगर सफारी में सुरक्षा की दृष्टि से भेजा गया था।
दोनों बाघ शावकों का 6 जून को विजयराघवगढ़ वन परिक्षेत्र के रेंजर राघवेंद्र सिंह चौहान, वनरक्षक राकेश तिवारी दुर्गा दुबे की उपस्थिति में बाघ शावकों का वन्या और शक्ति नामकरण किया गया। बताया जा रहा है कि जंगल में मिले दो छोटे बाघ शावक काफी बड़े हो गए हैं और मुकुंदपुर टाइगर सफारी मे आकर्षण का केंद्र बने हैं। इसको लेकर रेंजर विजयराघवगढ़ राघवेंद्र सिंह ने कहा कि मैं एक कार्यक्रम में शामिल होने गया था, जिसके बाद वहां पर दोनों बाघ शावकों का नामकरण हुआ है।
दिसंबर माह में मिले थे शवक
आपको बता दें कि, 12 दिसंबर 2021 को बड़वारा-बरही वन परिक्षेत्र अंतर्गत झिरिया गांव के किसान रामनरेश साहू की बाड़ी में दो सफेद बाघ शावक मिले थे। कई दिनों तक मां की तलाश की गई, लेकिन उसका कही पता नहीं चला। इसके बाद उन्हें मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी भेज दिए गए थे। बताया जा रहा है कि, सेमरिया गांव में बाघिन की लोकेशन मिली थी, लेकिन फिर वो अचानक गायब हो गई और जब से अबतक विबाग को उसके संबंध में जानकारी नहीं है।
Published on:
08 Jun 2022 01:39 pm
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