कटनी. मंडी अधिकारियों द्वारा गुरुवार को तुअर दाल मिलों में स्टॉक की जांच करना व बोर्ड के आदेश पर टैक्स संबंधी नोटिस देना दाल मिल संचालकों को नागवार गुजरा। मंडी बोर्ड अधिकारियों की कार्रवाई से संचालक बिफर पड़े हैं और विरोध में शुक्रवार सुबह से काम बंद कर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए। संचालकों ने उत्कृष्ट विद्यालय के सामने प्रदर्शन किया और मंडी अधिकारियों की कार्रवाई के विरोध में नारे लगाए। दाल मिल मालिकों ने मंडी सचिव पर बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया। कटनी तुअर दाल मिल संघ के अध्यक्ष चेतन हिंदूजा ने बताया कि दालमिल में बचे तुअर के स्टॉक पर टैक्स लगाया जा रहा है। कारोबारियों को प्रताडि़त किया जा रहा है। विरोध प्रदर्शन के दौरान विजय मोहनानी, कालू खूबचंद, जयराम कुकरेजा, पूरनलाल मुलतानी, पूरनलाल पोलानी, जितेंद्र लालवानी व राजा जगवानी सहित बड़ी संख्या में दाल मिल संचालक मौजूद रहे।
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यह हैं मंडी बोर्ड के निर्देश:
मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के माध्यम से प्रेषित पत्र के तारतम्य में राज्य के बाहर से छूट अवधि में की गई आयातित दलहन पर छूट अवधि के उपरांत प्रसंस्करण से अब शेष रह गए मात्रा टैक्स लगना है। अवधि समाप्ति के पश्चात बिना प्रसंस्करण उपज मंडी फीस देय होगी। राज्य के बाहर से आयात की गई ऐसी समस्त दलहन जो कि राज्य की अनुज्ञप्ति धारी दाल मिलों में लाई गई हों एवं जिसका प्रसंस्करण छूट अवधि के दौरान किया गया हो को ही शासन की अधिसूचना के तारतम्य में मंडी शुल्क में छूट की पात्रता होगी। ऐसी दलहन जिसका आयात छूट अवधि में किया गया है किंतु प्रसंस्करण कार्य नहीं किया गया उस पर छूट अवधि समाप्ति के उपरांत मंडी शुल्क देय होगा।
टैक्स लगाए जाने के विरोध में दूसरे दिन कलेक्ट्रेट पहुंचे मिल संचालक
तुवर दाल के स्कंद पर टैक्स लगाए जाने के विरोध में हड़ताल के दूसरे दिन तुवर दाल मिल संचालक कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं। एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर के मंडी बोर्ड की मनमानी पर रोक लगाए जाने मांग की है। तुवर दाल मिल संचालकों का आरोप है कि मंडी सचिव पियूष शर्मा द्वारा आयात की गई तुवर पर मिलो मैं बचे स्टॉक पर टैक्स लगाया गया है जो कि गलत है व्यापारियों को 30 साल से छूट मिलती है लेकिन उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।
ये बोले मंडी सचिव
समस्त फर्मों को यह सूचित किया गया था कि शासन की अधिसूचना 1 अगस्त 2018 से 1 वर्ष की कालावधि के लिए प्रदत्त मंडी शुल्क से छूट की अवधि दिनांक 31 जुलाई 2019 को समाप्त हो रही है। 31 जुलाई के उपरांत एक अगस्त 2019 से आयातित दलहन पर मंडी शुल्क पुन: प्रभावी हो जाएगा।
पीयूष शर्मा सचिव कृषि उपज मंडी