27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शासन-प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार उमरियापान का झंडाचौक स्तंभ

-30 साल पहले स्थापित हुआ था यह स्तंभ-15 अगस्त, 26 जनवरी को फहराया जाता है तिरंगा

less than 1 minute read
Google source verification

कटनी

image

Ajay Chaturvedi

Mar 24, 2021

उमरियापान का झंडा चौक स्तंभ (फाइल फोटो)

उमरियापान का झंडा चौक स्तंभ (फाइल फोटो)

कटनी. जिले के उमरियापान का झंडाचौक स्तंभ प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार हो चला है। स्थानीय लोगों ने कई बार शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ठ कराया लेकिन कोई फायदा नहीं। स्थानीय प्रतिनिधि हों या प्रशासनिक अधिकारी किसी ने इस ऐतिहासक स्तंभ की मरम्मत के लिए आगे नहीं आया। अब यह इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी गिर सकता है।

स्थानीय पुरनिए बताते हैं कि करीब तीन दशक पहले इस स्तंभ का निर्माण कराया गया था। यहां पर हर राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा भी फहराया जाता है। लोगों का कहना है कि झंडाचौक उमरियापान का प्रमुख तिराहा है। ढीमरखेडा रोड, स्लीमनाबाद रोड और सिहोरा रोड के लिए इसी चौराहे से हो कर आना-जाना होता है। इतना ही नहीं तहसील और जनपद स्तर के जिम्मेदार अधिकारियों भी रोजाना इसी चौराहे से हो कर आते-जाते हैं। लेकिन किसी अधिकारी का ध्यान इस ओर नहीं जाता। इसकी बदहाली दूर करने की पहल किसी ने नहीं की। ये कब गिर जाएगा कहा नहीं जा सकता।