नगर निगम प्रशासक कलेक्टर की दो टूक, कार्य में कसावट व लाएं तेजी, नागरिकों को पहुंचाएं योजनाओं का लाभ
यार्ड रिमॉडलिंग से होगा बड़ा फायदा
अभी यार्ड में डायमंड क्रासिंग बनी हुई है। इससे ट्रेनों की स्पीड काफी कम है। दोनों केबिन के पास 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है। डायमंड खत्म होन से 30 से लेकर 50 किलोमीटर प्रतिघंटा ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी। दोनों केबिन खत्म करके आरआरआइ पैनल बनेगा जिससे कंट्रोलिंग भी एक स्थान से हो जाएगी। डायमंड के कारण यदि बीना की ओर से यदि कोई ट्रेन आ रही है तो जबलपुर की ट्रेन का मूमेंट रुका रहता है, जबलपुर से ट्रेन आ रही है या जा रही है तो फिर बीना लाइन का परिचालन रुक जाता है। इससे लगभग 10 से 15 मिनट तक ट्रैक प्रभावित रहता है। रिमाडलिंग से गति में बड़ा फर्क पड़ेगा।
खास-खास:
डीआरएम के दौरे के बाद प्रस्ताव तो भेजा गया, लेकिन अबतक समाधान के लिए काम शुरू नहीं हुआ। जीआरपी, आरपीएफ थाने का निर्माण, 2/3/4 में एस्केलेटर लगाए जाने, प्लेटफॉर्म नंबर दो पर दूसरा गेट बनाने नहीं शुरू हुआ काम।
– एनकेजे में यार्ड रिमाडलिंग की भी अभी अधिकारियों की मीटिंग नहीं हो पाई, दोनों जोन के अधिकारी को बैठक कर चर्चा करनी थी, प्रमुख रूप से पहले किए जाने कामों पर करना था मंथन
कटनी से मुड़वारा, मुड़वारा साउथ, मुड़वारा से कटनी, कटनी से एनकेजे, साउथ से एनकेजे के कर्व भी स्पीड को करते हैं प्रभावित, इनके समाधान पर नहीं बनी कोई नीति।
– जबलपुर से सीधे इलाहाबाद की ओर जाने वाली ट्रेनों की स्पीड में ही पड़ेगा बड़ा फर्क, इनकी बढ़ेगी गति, यात्रियों का बचेगा समय।
– कान्ट्रेक्ट एवार्डिंग के बाद फंड बन रहा समस्या, समय पर रुपये न मिलने से कामों में हो रही देरी, ठेकेदार भी काम में नहीं दिखाते रुचि।
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इन बातों पर भी ध्यान देना जरुरी
– कटनी जंक्शन प्लेटफार्म की लंबाई है बड़ी समस्या, नीले डिब्बे 22 व लाल डिब्बा 25 मीटर का एक डिब्बा रहता है, लाल वाले में 22 बोगियों का रैक चलता है, प्लेटफॉर्म बढ़ाया जरुरी है। चार प्लेटफॉर्म बढ़ाने पड़ेंगे।
– स्टेशन में यात्रियों के लिए एस्केलेटर, एटीएम, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाया जाना आवश्यक, व्हाइट ट्रेन डिस्प्ले व कोच इंडीकेटर सहित पांच नंबर प्लेटफॉर्म के लिए एटीवीएम मशीन की आवश्यक।
– स्टेशन के सामने सड़क का चौड़ीकरण, जीआरपी थाना की शिफ्टिंग, व्यवस्थित पार्किंग सहित यात्रियों की सुरक्षा पर देना होगा ध्यान।
यह है जंक्शन की स्थिति
80 से ज्यादा ट्रेनों का है प्रतिदिन ठहराव।
15 हजार लोग करते हैं प्रतिदिन जंक्शन से यात्रा
4 करोड़ रुपये सालाना जंक्शन से हो रहे रेलवे को आय।
6 बनाए गए हैं प्लेटफॉर्म, जिनसे रवाना होती हैं ट्रेनें।
इनका कहना है
बजट जोन के वित्तीय अधिकार के ऊपर चला गया है, इसलिए अब बोर्ड से मंजूरी मिलने पर यार्ड रिमाडलिंग का काम होगा। अन्य कार्यों को जल्दी पूर्ण कराने प्रयास किया जाएगा।
संजय विश्वास, डीआरएम।