scriptRailway: 12 करोड़ के ऊपर पहुंचा यार्ड रिमॉडलिंग का इस्टीमेट, बजट न होने से अटकी मंजूरी, एनआइ वर्क से होने वाला था बड़ा फायदा | Yard Remodeling will not happen in Katni Junction due to lack of budge | Patrika News

Railway: 12 करोड़ के ऊपर पहुंचा यार्ड रिमॉडलिंग का इस्टीमेट, बजट न होने से अटकी मंजूरी, एनआइ वर्क से होने वाला था बड़ा फायदा

locationकटनीPublished: Jan 06, 2020 12:34:55 pm

Submitted by:

balmeek pandey

मुख्य रेलवे स्टेशन (कटनी जंक्शन) जहां पर प्रतिदिन 90 से अधिक ट्रेनें लोगों को देश व प्रदेश की राजधानी तक जोड़ती हैं साथ ही पांच दिशाओं के लिए कई प्रांतों तक यात्रियों को पहुंचाती है। स्टेशन हर माह रेलवे को 4 से 5 करोड़ रुपये का राजस्व दे रहा है, लेकिन यहां पर ट्रेनों के मूमवेंट में डायमंड क्रासिंग कई वर्षों से गंभीर समस्या बना हुआ है।

Rail line doubling

Rail line doubling

कटनी. मुख्य रेलवे स्टेशन (कटनी जंक्शन) जहां पर प्रतिदिन 90 से अधिक ट्रेनें लोगों को देश व प्रदेश की राजधानी तक जोड़ती हैं साथ ही पांच दिशाओं के लिए कई प्रांतों तक यात्रियों को पहुंचाती है। स्टेशन हर माह रेलवे को 4 से 5 करोड़ रुपये का राजस्व दे रहा है, लेकिन यहां पर ट्रेनों के मूमवेंट में डायमंड क्रासिंग कई वर्षों से गंभीर समस्या बना हुआ है। इस क्रासिंग को खत्म करने 28 नवंबर व 15 व 16 दिसंबर को पश्चिम मध्य रेलवे के प्रभारी जीएम गौतम बैनर्जी व डीआरएम संजय विश्वास ने दौरा किया। गंभीर समस्या पर चर्चा हुई। शीघ्र समाधान के लिए योजना बनी। इसमें यार्ड रिमॉडलिंग के लिए इस्टीमेट तैयार हुआ। कटनी-जबलपुर लाइन पर ए केबिन के पास डायमंड क्रासिंग को खत्म करने के लिए प्रस्ताव तैयार कराने कहा। प्रस्ताव 12 करोड़ का बनकर तैयार हुआ, लेकिन बजट जोन के ऊपर होने के कारण अब यार्ड की रिमॉडलिंग नहीं हो पाएगी। अगले वित्तीय वर्ष तक के लिए इसका इंतजार करना होगा। रेल अधिकारियों की मानें तो सिग्नलिंग का ज्यादा खर्च आ रहा है। मॉडलिंग सिंगनलिंग सिस्टम, पैनल के अलावा इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग सिस्टम लगाया जाना है। इस्टीमेट अधिक होने के कारण काम अधर में लटक गया है। इसमें इंजीनियरिंग, टीआरडी, एसएनटी में 6 करोड़ के ऊपर का खर्च आ रहा है। बोर्ड में रिवाइज इस्टीमेट ज्यादा वेरियेएशन होने के कारण मामला बोर्ड में चला गया है, वहां से एप्रूवल मिलने के बाद ही आगे की बात बन पाएगी।

 

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यार्ड रिमॉडलिंग से होगा बड़ा फायदा
अभी यार्ड में डायमंड क्रासिंग बनी हुई है। इससे ट्रेनों की स्पीड काफी कम है। दोनों केबिन के पास 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है। डायमंड खत्म होन से 30 से लेकर 50 किलोमीटर प्रतिघंटा ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी। दोनों केबिन खत्म करके आरआरआइ पैनल बनेगा जिससे कंट्रोलिंग भी एक स्थान से हो जाएगी। डायमंड के कारण यदि बीना की ओर से यदि कोई ट्रेन आ रही है तो जबलपुर की ट्रेन का मूमेंट रुका रहता है, जबलपुर से ट्रेन आ रही है या जा रही है तो फिर बीना लाइन का परिचालन रुक जाता है। इससे लगभग 10 से 15 मिनट तक ट्रैक प्रभावित रहता है। रिमाडलिंग से गति में बड़ा फर्क पड़ेगा।

खास-खास:
डीआरएम के दौरे के बाद प्रस्ताव तो भेजा गया, लेकिन अबतक समाधान के लिए काम शुरू नहीं हुआ। जीआरपी, आरपीएफ थाने का निर्माण, 2/3/4 में एस्केलेटर लगाए जाने, प्लेटफॉर्म नंबर दो पर दूसरा गेट बनाने नहीं शुरू हुआ काम।
– एनकेजे में यार्ड रिमाडलिंग की भी अभी अधिकारियों की मीटिंग नहीं हो पाई, दोनों जोन के अधिकारी को बैठक कर चर्चा करनी थी, प्रमुख रूप से पहले किए जाने कामों पर करना था मंथन
कटनी से मुड़वारा, मुड़वारा साउथ, मुड़वारा से कटनी, कटनी से एनकेजे, साउथ से एनकेजे के कर्व भी स्पीड को करते हैं प्रभावित, इनके समाधान पर नहीं बनी कोई नीति।
– जबलपुर से सीधे इलाहाबाद की ओर जाने वाली ट्रेनों की स्पीड में ही पड़ेगा बड़ा फर्क, इनकी बढ़ेगी गति, यात्रियों का बचेगा समय।
– कान्ट्रेक्ट एवार्डिंग के बाद फंड बन रहा समस्या, समय पर रुपये न मिलने से कामों में हो रही देरी, ठेकेदार भी काम में नहीं दिखाते रुचि।

 

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इन बातों पर भी ध्यान देना जरुरी
– कटनी जंक्शन प्लेटफार्म की लंबाई है बड़ी समस्या, नीले डिब्बे 22 व लाल डिब्बा 25 मीटर का एक डिब्बा रहता है, लाल वाले में 22 बोगियों का रैक चलता है, प्लेटफॉर्म बढ़ाया जरुरी है। चार प्लेटफॉर्म बढ़ाने पड़ेंगे।
– स्टेशन में यात्रियों के लिए एस्केलेटर, एटीएम, सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाया जाना आवश्यक, व्हाइट ट्रेन डिस्प्ले व कोच इंडीकेटर सहित पांच नंबर प्लेटफॉर्म के लिए एटीवीएम मशीन की आवश्यक।
– स्टेशन के सामने सड़क का चौड़ीकरण, जीआरपी थाना की शिफ्टिंग, व्यवस्थित पार्किंग सहित यात्रियों की सुरक्षा पर देना होगा ध्यान।

यह है जंक्शन की स्थिति
80 से ज्यादा ट्रेनों का है प्रतिदिन ठहराव।
15 हजार लोग करते हैं प्रतिदिन जंक्शन से यात्रा
4 करोड़ रुपये सालाना जंक्शन से हो रहे रेलवे को आय।
6 बनाए गए हैं प्लेटफॉर्म, जिनसे रवाना होती हैं ट्रेनें।

इनका कहना है
बजट जोन के वित्तीय अधिकार के ऊपर चला गया है, इसलिए अब बोर्ड से मंजूरी मिलने पर यार्ड रिमाडलिंग का काम होगा। अन्य कार्यों को जल्दी पूर्ण कराने प्रयास किया जाएगा।
संजय विश्वास, डीआरएम।

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