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कौशांबी हाईवे पर करोड़ों के वसूली का भंडाफोड़, कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध

Extortion busted on highway: यूपी के कौशांबी जिले में तीन दिन पहले एंटी करप्शन की टीम ने एक TSI को गाड़ियों से वसूली करते हुए दबोचा था। उसके बाद वसूली की बड़ी व्यवस्था का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस, माइनिंग और परिवहन विभाग के लिए कई एजेंट हाईवे पर वहनों से वसूली करते थे, और एक दिन में 10-15 लाख रुपए की वसूली की जाती थी।

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Extortion busted on highway: कौशांबी में TSI कमलेश पांडेय को वाहनों से वसूली करते हुए एंटी करप्शन टीम द्वारा गिरफ्तार करने के बाद हाईवे पर हो रही बड़ी वसूली का भंडाफोड़ हुआ है। आलम यह था कि हाईवे पर से 10 से 15 लख रुपए की वसूली प्रतिदिन हुआ करती थी। पुलिस, परिवहन और खनन विभाग के कर्मचारी भी इसमें संलिप्त हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को जब इस रैकेट वह सन्न रह गए। अभी एसपी बृजेश श्रीवास्तव द्वारा पूरे मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई है। वही इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी कौशांबी ने कहा है कि जो भी इसमें शामिल होंगी वह बचेंगे नहीं सब पर कार्रवाई होगी।

गिट्टी, मोरंग और बालू लगे वाहनों से होती थी वसूली
Extortion busted on highway: कौशांबी में हाईवे से होकर करीब 300 से ज्यादा बड़े वाहन गिट्टी मोरंग और बालू लेकर निकलते हैं। इसमें अधिकांश वाहन ओवरलोड होते हैं। इन्हीं ओवरलोड वाहनों से 5000 प्रति वहां के दर से वसूली होती है।कई वाहन ऐसे भी हैं जिनका महीना फिक्स है। वह खनन पुलिस और परिवहन विभाग में महीना देकर ओवरलोड वाहन की एंट्री लेते हैं।

कई एजेंट करते थे काम(Extortion busted on highway)
ओवरलोड वाहनों को हाईवे से पास करने के लिए कई एजेंट काम में लगे थे। संतों का काम यह हुआ करता था कि वह नियमित चलने वाले वाहनों से सेटिंग करके उनकी एंट्री पुलिस परिवहन और खनन विभाग में कर देते थे। इसके बाद इन विभागों के अधिकारी कर्मचारी इन वाहनों को नहीं रोकते थे। TSI के गिरफ्तारी के बाद जब इस कारनामे का भंडाफोड़ हुआ तो इसमें शामिल सरकारी लोग एजेंट से दूरी बनाने में लगे हैं।