
CGBus stand: कबीरधाम जिले का एकमात्र अंतरराज्यीय बस स्टैण्ड की स्थिति बेहद बदहाल हो चुकी है। परिसर में पूरी तरह गंदगी से अटा हुआ है। फ़िलहाल नवीन बस स्टैण्ड को अधिकांश बसे पुराने बस स्टैण्ड परिसर में खड़ी होती है। इसके चलते यात्रियां भी पुराने बस स्टैण्ड ही पहुंचते हैं। दूसरी ओर यात्री प्रतिक्षालय में पूरी तरह गंदगी से भरा पड़ा है।
शहर में बसों की संख्या अधिक हो चुकी है, जिसके कारण शहर के बाहर सर्वसुविधायुक्त नवीन बस स्टैण्ड का निर्माण कराया गया है, लेकिन फ़िलहाल अधिकांश बसे पुराने बस स्टैण्ड ही पहुंचती है और वहीं से अलग-अलग रुटों के लिए रवाना होती है। पुराना बस स्टैण्ड नगर के ह्दय स्थल स्थल पर स्थित है, लेकिन बस स्टैण्ड छोड़ा होने के कारण गिनती के यात्री बस ही स्टैण्ड में समा पाते हैं।
इसके चलते लोग चाहकर भी प्रतिक्षालय में जाने से कतराते हैं। प्रतिक्षालय का दूसरा प्लोर तो शहर का सुरक्षित शराबियों का अड्डा बना चुका है। जगह-जगह शराब की खाली बोतल, डिस्पोजल और पानी पाऊच का ढेर लगा हुआ है। इधर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और नगरीय प्रशासन मुंह फेर रखा है।
एक समय पर पांच-पांच बसें ही दोनों ओर खड़ी हो पाती है। कुल चारों शेड में 20 बसें रहती है। बाकी बसों को उनके निर्धारित समय के पहले तक शहर के किसी खाली जगह पर खड़ी की जाती है। लेकिन जितने बस स्टैण्ड परिसर में खड़ी होती है वह भी अधिक हैं। यह आड़े-तिरछे खड़े किए जाते हैं। इससे यात्रियों के अलावा व्यापारियों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। बावजूद इस पर नगरीय प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बस स्टैण्ड में यात्री प्रतिक्षायल है ताकि यात्री वहां पर बस के इंतजार में बैठ सके। लेकिन एक बार प्रतिक्षायल का निरीक्षण करें तो पता चले कि पहले लोर में यात्रियों के बैठने के लिए यहां पर तो जगह ही नहीं है। फूटकर व्यापारी पूरी तरह से कब्जा कर चुके हैं। इसके कारण यात्री प्रतिक्षायल के आसपास होटल और चाय दुकान पर बैठे हैं रहते हैं। वहीं दूसरे लोर में जगह-जगह कचरों का ढेर लगा हुआ है, जिसे देख लोग नाक सिकुड़ते हुए वापस लौट जाते हैं।
बस स्टैण्ड परिसर में प्रतिक्षालय के प्रथम तल को रात्रि में सफर करने वाले यात्रियों के आराम करने के लिए बनाया गया, लेकिन वहां पर बस ट्रैवल्स का कब्जा है। इसके अलावा अन्य जगह है वह शराबियों और असमाजिक तत्व के लोगों के लिए आरक्षित है। कमरे में, सीड़ियों पर, खुली जगह पर मतलब सब जगह भी गंदगी ही दिखाई देगी।
शहर के बस स्टैण्ड में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव के अलावा जबलपुर, लखनऊ, नागपुर जैसे अन्य राज्यों के लिए 80 से अधिक बसें चलती है। चूंकि मुख्य स्टैण्ड कवर्धा ही है तो बसों को यहां पर रवानगी के पहले तक बस स्टैण्ड में खड़ी करनी पड़ती है। जबकि पहले से ही बस स्टैण्ड में खड़े ही रहते हैं। इसके कारण परेशानी और बढ़ जाती है।
जिले में यात्री बसों की संया इतनी अधिक है कि स्टैण्ड में समा नहीं पाते। इसके लिए शहर के ही स्कूल के सामने, किसी कॉलोनी में, मैदान में, बस्ती में और शहर के आउटर में खड़ी की जाती है। शहर के भीतर कहीं भी वाहन खड़ी होने के कारण अन्य वाहनों के आवागमन व यातायात व्यवस्था में बाधा होती है, मुख्य रूप से बस स्टैण्ड के आसपास।
Updated on:
23 Aug 2024 07:56 pm
Published on:
23 Aug 2024 05:17 pm
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