
इन Classes के सिलेबस में हुआ बड़ा बदलाव,इस सत्र से नए कोर्स से होगी पढ़ाई
दीपक ठाकुर@कवर्धा. सरकारी स्कूल में कक्षा पहली से आठवीं तक के कोर्स में इस बार बड़ा बदलाव किया गया है। नए पुस्तकों का वितरण पाठ्य पुस्तक निमग द्वारा किया जा रहा है। कक्षा छठवीं से आठवीं तक के सिलेबस में बदलाव किया गया है। इससे इस वर्ष शिक्षा में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
एनसीआरटी की पुस्तकों की पढ़ाई स्कूलों में कराई जा रहा है। समय पर इस वर्ष पुस्तकों का वितरण हो जाए। इसके लिए पाठ्य पुस्तक निगम भिड़ा हुआ है। लेकिन इस वर्ष सरकारी स्कूल में कक्षा पहली से आठवीं तक की पुस्तकों में भारी बदलाव किया गया है। इससे स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। वहीं पुरानी पुस्तकों से पढ़ाई कराने पर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सभी स्कूलों में नए पाठ्यक्रम की पुस्तकों का वितरण समय पर किया जा रहा है। जिले में कक्षा पहली से आठवीं तक कुल एक लाख 46 हजार 87 छात्र छात्राएं हैं।
कक्षा छटवीं से आठवीं तक संस्कृत को छोड़कर सभी विषयों में बदलाव किया गया है। हिन्दी, अग्रेजी, गणित, विज्ञान, समाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम इसमे शामिल हैं। इससे शिक्षकों को पढ़ाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कक्षा पहली व दूसरी की कक्षा के बच्चे एक ही पुस्तक में सभी विषय की पढ़ाई करते थे। लेकिन अब पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को तीन पुस्तकों से पढ़ाई करना पड़ेगा। अब हिन्दी, गणित व अंगे्रजी की पुस्तक को अलग कर दिया गया है।
हर वर्ष हाई स्कूल की पुस्तकों को पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा बीईओ कार्यालय तक पहुंचाकर देती थी। लेकिन विभाग के नए नियम के तहत पाठ्य पुस्तक निगम डीपों को ही हाई स्कूलों तक पुस्तक को पहुंचाकर देना है। निगम से जिले के सभी हाई स्कूल में कक्षा नवमीं व दसवीं की पुस्तके पहुंचा चुकी है। इसी प्रकार कक्षा पहली से आठवीं तक की पुस्तकें संकुल स्तर भी पहुंचा रही है।
जिले के 90 संकुलों में पुस्तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पाठ्य पुस्तक निगम की है। लेकिन संकुल से स्कूलों में पुस्तक वितरण करने की जिम्मेदार संकुल प्रभारी की है। लेकिन हर वर्ष संकुल प्रभारियों की लापरवाही के कारण समय पर छात्रों को पुस्तक नहीं मिल पाता। इस बार भी पाठ्य पुस्तक निगम ने कवर्धा व बोड़ला के सभी संकुल में पुस्तक वितरण कर चुकी है। इसी प्रकार पंडरिया व लोहारा में कुछ ही संकुल में पुस्तक पहुंचाना बाकि हैं।
वहीं बड़ा बदलाव करते हुए कक्षा तीसरी से पांचवीं तक के बच्चे अब पर्यावरण की भी पढ़ाई करेंगे। इसके लिए छात्रों को अलग से पुस्तक भी दिया जाएगा। तीसरी से पांचवीं तक के बच्चे तीन पुस्तकों से पढ़ाई करते थे। लेकिन अब उन्हे चार पुस्तक दिया जाएगा। शिक्षा व्यवस्था में सुधार व गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिल सके। इसके लिए शासन नए प्रयोग कर रही है। जो सीधे 12 वीं तक पर्यावरण की पढ़ाई करेंगे।
दिनेश कुमार मिर्चे, प्रबंधक, पाठ्य पुस्तक निगम डीपो कवर्धा
Published on:
22 May 2018 11:42 am
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