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Chhattisgarh: नक्सल प्रभावित इलाके में मिली दवाओं की सैकड़ों बोतल और गोलियां

दवाईयां सरकारी अस्पताल में सर्दी, खांसी व बुखार के मरीजों को वितरित करने के लिए सरकारी संस्था सीजीएमएससी द्वारा भेजी जाती है। जिस जिले या वहां के अस्पताल में यह दवाएं मरीजों को जाती हैं या उन क्षेत्रों की वहां की मितानिन, एएनएम व महिला हेल्थ वर्करों द्वारा अपन-अपने क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं को ये दवाएं व गोलियां मुफ्त वितरित करती हैं।

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Chhattisgarh: नक्सल प्रभावित इलाके में मिली दवाओं की सैकड़ों बोतल और गोलियां

भोरमदेव अभयारण्य के जंगलों में बड़ी संख्या में शासन से शासकीय अस्पतालों में सप्लाई होने वाली दवाईयां मिली है। जांच का विषय है आखिर इस तरह से दवाईयों को किस अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा फेंका गया। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मिली भारी संख्या में दवाओं की सैकड़ों बोतल और गोलियां में नक्सलियों का भी हाथ हो सकता है।

मिली जानकारी अनुसार जिला मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर दूर मरीजों को बांटे जाने वाली जीवनरक्षक दवाओं को जंगलों में फेंक दिया गया है। यह बड़ी लापरवाही है। यह दवाईयां कवर्धा-रेंगाखार मार्ग में मादाघाट के अभयारण्य के जंगल मिले। सीजीएमएससी द्वारा सप्लाई की गई सीजीएमएससी की सील व मार्क लगी दवाईयों में ब्रोमेक्सिन हैड्रोक्लोराइड, पैरासिटामाल, प्रोमेथजीन, मल्टीविटामिन की सिरप, एरीथ्रोमाइसीन की गोलियां हैं। इसमे खांसी की म्यूकोलिटिक सीरप ब्रोमेक्सिन हैड्रोक्लोराइड जिसका बैच नम्बर बीएचएस 20048 उत्पादन तिथि 12-2020 एक्सपाइरी डेट 5-2023 जैसी दवाएं शामिल हैं।

वितरण नहीं किए
जानकारों के मुताबिक यह दवाईयां सरकारी अस्पताल में सर्दी, खांसी व बुखार के मरीजों को वितरित करने के लिए सरकारी संस्था सीजीएमएससी द्वारा भेजी जाती है। जिस जिले या वहां के अस्पताल में यह दवाएं मरीजों को जाती हैं या उन क्षेत्रों की वहां की मितानिन, एएनएम व महिला हेल्थ वर्करों द्वारा अपन-अपने क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं को ये दवाएं व गोलियां मुफ्त वितरित करती हैं। हो सकता है कि कर्मचारियों द्वारा इनका वितरण नहीं किया गया जिसके चलते इसे फेंक दिया गया हो।