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Dhan Kharidi: धान बेचने आ रहे किसानों से अवैध वसूली! इस तरह चल रहा खेल, ऐसे हुआ खुलासा

Dhan Kharidi: कई सोसायटी से इस तरह की शिकायतें मिल रही है। इसके बाद भी जिला प्रशासन द्वारा इसे कंट्रोल नहीं किया जा रहा है। बीते दिनों एक ऐसा ही मामला

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Dhan Kharidi

Dhan Kharidi: किसानों को कहीं से भी राहत नहीं मिल पा रही है। किसान अभी धान बिक्री के दौरान हो रही कई तरह परेशानियों से गुजर रहे हैं। दूसरी ओर सोसायटी में किसानों से सदस्यता के नाम पर अधिक रुपए की वसूली हो रही है।

Dhan Kharidi: 100 की जगह हो रही 500 रुपए की वसूली

Dhan Kharidi: जिले के कई सोसायटी में नए किसानों से सदस्य बनाए जाने पर निर्धारित शुल्क 100 रुपए की जगह 500 रुपए तक वसूली हो रही है। कई सोसायटी से इस तरह की शिकायतें मिल रही है। इसके बाद भी जिला प्रशासन द्वारा इसे कंट्रोल नहीं किया जा रहा है। बीते दिनों एक ऐसा ही मामला बिरोड़ा सोसायटी का आया। इसमें एक महिला कृषक सदस्य शुल्क जमा करने पहुंची तो उससे सदस्यता शुल्क 500 रुपए जमा कराया गया। इसकी जानकारी महिला कृषक ने किसान संघ के पदाधिकारियों को दिया तो उन्होंने यह बात सोसायटी प्रबंधक के समक्ष रखी।

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दबाव बनाया तो वापस किए 400 रुपए

दबाव बनाया गया तो जिस कर्मचारी ने 500 रुपए लिए तो वह उक्त महिला कृषक के घर पहुंचकर रुपए वापस किए और 100 रुपए नया रसीद काटा। इसमें 5 रुपए का दाखिला फीस, हिस्सा 80 रुपए और क्रेडिट कार्ड का 15 रुपए लिए गए। इस तरह की शिकायत कई सोसायटी में सदस्यता शुल्क के नाम 125 रुपए तो कहीं 200 तो कहीं 300 रुपए वसूली किए गए।

लाखों रुपए की अवैध वसूली का मामला

जिला प्रशासन के जिम्मेदार सोसायटी द्वारा लिए जा रहे सदस्यता शुल्क पर ध्यान नहीं दिया गया। इस वर्ष 7 हजार से अधिक नए किसानों धान बिक्री के लिए पंजीयन कराया है। यदि 5000 किसानों से 100 रुपए भी अधिक राशि ली गई होगी तो 5 लाख रुपए होता है। इससे अधिक राशि ली गई होगी तो राशि और अधिक पहुंच गई। मतलब लाखों रुपए की अवैध वसूली।

शुल्क लेकर रसीद भी नहीं दी जा रही

अधिकतर सोसायटी में तो सदस्यता शुल्क को लेकर तो रसीद भी नहीं दिया जाता, जबकि प्रत्येक रकम पर रसीद अनिवार्य है। सहसपुर लोहारा हो या फिर कवर्धा ब्लॉक के सोसयाटी सभी जगह अधिकतर सोसायटी में सदस्यता के नाम पर अधिक राशि वसूली जाती है लेकिन रसीद नहीं दी जाती। अत्यधिक दबाव बनाया जाता है तब कहीं-कहीं रसीद दी जाती है। किसानों से ली जाने वाली अधिक राशि को लेकर शिकायतें होती रहती है। सोसायटी प्रबंधक से लेकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के नोडल अधिकारी तक मौखिक शिकायत होती है, क्योंकि अधिक राशि वसूली की रसीद तो दी नहीं जाती। इसके बाद भी इस पर अधिकारियों द्वारा किसी तरह से लगाम नहीं लगाई जाती।