
Naxal News: कवर्धा जिले में सक्रिय रहे दो नक्सलियों को सरेंडर करने के बाद शासन की नीतियों का लाभ मिलने लगा है। दोनों नक्सलियों को पुलिस आरक्षक के पद पर नियुक्ति दी गई, जो अब हिंसा के रास्ते को छोडक़र शांति की राह में पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे।
दोनों नक्सली अब रक्षक की नई भूमिका में आ गए हैं, इनमें दिवाकर कोर्राम और मंगलू बेको शामिल हैं। शासन की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर दिवाकर उर्फ किशन और मंगलू बेको उर्फ तीजू को पुलिस विभाग में 16 अगस्त 2024 से आरक्षक के पद पर नियुक्ति प्रदान किया गया है ।
आत्मसमर्पित नक्सली दिवाकर उर्फ किशन उर्फ लिबरू कोर्राम व उसकी पत्नी कुमारी उर्फ लक्ष्मी देवे द्वारा वर्ष 2021 को जिला कबीरधाम में आत्मसमर्पण किया था। दिवाकर समर्पित होने के पूर्व डीवीसी सचिव भोरमदेव एरिया कमेटी जिस पर 8 लाख रुपए का शासन द्वारा इनाम घोषित था।
वहीं मंगलू बेको उर्फ तीजू अपनी पत्नि राजे उर्फ वनोजा के साथ वर्ष 2020 को जिला बीजापुर में आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पित नक्सली मंगलू बेको उर्फ तीजू व पत्नी राजे येलम उर्फ वनोजा आत्मसमर्पण होने के पूर्व नक्सली संगठन विस्तार प्लाटून नंबर 3 में पार्टी सदस्य (Naxal News) के रूप में कार्य किए। तीजू व उसकी पत्नी पर 2-2 लाख रुपए का ईनाम था।
एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव ने बताया कि वर्तमान में आत्मसमर्पित नक्सली दिवाकर व मंगलू बेको जिला पुलिस कबीरधाम के साथ जिले के अंदरूनी नक्सल संवदेनशील क्षेत्रों में जिला पुलिस बल, डीआरजी के साथ नक्सल अभियानों व नक्सल आसूचना संकलन का कार्य निरंतर कर रहे हैं। नक्सलियों के संबंध में सूचना संकलन, नक्सल विरोधी अभियानों में सर्चिंग टीमों के साथ नक्सल गस्त सर्चिंग करने के साथ-साथ जिले के नक्सल संवेदनशील क्षेत्रों में,ड्यूटी का भी निर्वहन कर रहे हैं।साथ ही सीमावर्ती जिलों में घटित नक्सल मुठभेड़ों में मारे गए नक्सलियों की पहचान-शिनाख्त इनके द्वारा की जा रही है।
आत्मसमर्पित नक्सली दिवाकर व तीजू की निशानदेही पर ही जिले में सीमावर्ती संवेदनशील क्षेत्रों में 9 नए फारवर्ड कैम्प थाना तरेगांव अंतर्गत कैम्प धनवाही, थाना चिल्फी अंतर्गत कैम्प कबीरपथरा, माराडबरा, बेंदा, कुण्डपानी, थाना झलमला अंतर्गत कैम्प खिलाही, कुमान, थाना रेंगाखार (Naxal News) अंतर्गत पण्डरीपानी, कोयलारझोरी में कैम्प खोले गए हैं।
कबीरधाम पुलिस द्वारा आत्मसमर्पित नक्सली दिवाकर और तीजू को लगातार शिक्षा के तरफ प्रेरित कर ओपन परीक्षा 10वीं की परीक्षा दिलाया गया। इन्हें आवश्यक शिक्षण सामग्री प्रदान की गई, जिसमें दिवाकर व उसकी उसकी पत्नी ने 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर लिया। वहीं मंगलू उर्फ तीजू को 10वीं में पूरक प्राप्त हुआ।
Updated on:
19 Aug 2024 10:00 am
Published on:
19 Aug 2024 08:01 am
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