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आखिर इतनी महंगी क्यों हैं पिहरी ? बाजार में देखते ही उमड़ जाती हैं लोगों की भीड़…..सामने चौंकाने वाली वजह

Pihri prices In Kawardha: प्राचीनकाल से ही मशरूम स्थानीय भाषा में ''पिहरी'' खाने का चलन रहा है। जिले में इसको खाने वालों की संख्या बहुत अधिक है।

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Pihri's prices on the sky, still the demand is strong Kawardha News

पिहरी के भाव आसमान पर

Vegetable Price In CG: कवर्धा। प्राचीनकाल से ही मशरूम स्थानीय भाषा में ''पिहरी'' खाने का चलन रहा है। जिले में इसको खाने वालों की संख्या बहुत अधिक है। बाजार में पिहरी देखते ही भीड़ टूट पड़ती है। आज 80 रुपए पाव की कीमत पर बाजार में पिहरी बिक रही है। फिर भी इसको पसंद करने वालों की भीड़ लगी देखी जा सकती है।

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जिले के स्थानीय लोग इसे अत्यधिक पसंद करते हैं। लगातार हो रही बारिश में इसे खाने का मजा कुछ और ही बताया जाता है। वनांचल क्षेत्र के जंगलों में बरसात में प्राकृतिक रुप से उत्पन्न होने वाली पिहरी, जंगलों से लाकर शौकीनों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाने वाली सब्जी विक्रेताओं ने (CG Hindi News) बताया कि वह जंगलों के आसपास गांवों से वनवासियों से खरीदकर पिहरी लाती है।

बरसात के दिनों में प्राकृतिक रूप से जिले के जंगलों में उत्पन्न होने वाली पिहरी जिसे मशरूम के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष बरसात में अब तक बाजार में पिहरी की कम आवाक हुई है। अब बाजार में दुर्लभ हो चली पिहरी के आज बाजार में आने से इसे खाने (Kawardha News) वाले बेहद खुश नज़र आ रहे हैं और आसमान छूता भाव भी उनका उत्साह कम नहीं कर पा रहा है। बाजार पहुंचते ही बिक्री हो जाता है।

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