
ऐसा हैं यह अनोखा हॉस्पिटल, जहां 12वीं पास लगा रहे इंजेक्शन और आर्ट्स स्टूडेंट देख रहे सीरियस मरीजों को
कवर्धा . छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में नर्सिंग होम और क्लिनिक इन दिनों कमाई का साधन बन चुके है। यहां पर तो मरीजों को इलाज के नाम पर अयोग्य व अप्रशिक्षित नौसिखिए से इलाज कराया जाता है।
नगर में दो दर्जन से अधिक निजी क्लिनिक और नर्सिंग होम है, जहां बड़ी संख्या में नर्स व कम्पाउण्डर कार्यरत हैं। डिग्रीधारी डॉक्टर का काम केवल मरीज का हालचाल पूछना और सलाह देना ही रह गया है। इलाज तो नौसिखिए नर्स और कम्पाउण्डर ही करते हैं। ज्यादातर नर्स व कम्पाउण्डर के पास नर्सिंग की डिग्री ही नहीं है और न ही वे किसी मान्यता प्राप्त संस्था से प्रशिक्षित है।
अप्रशिक्षित नर्स अस्पताल में काम करके ही प्रशिक्षण ले रहे हैं और इसके लिए वह मरीजों पर प्रयोग कर रहे हैं। क्लिनिक में कार्यरत नर्स व कम्पाउण्डर केवल 12वीं उत्तीर्ण है, उसमें भी सभी विज्ञान के विद्यार्थी नहीं, जो मेडिकल संबंधी बारीकियों को समझ सके। अधिकतर कला संकाय के विद्यार्थी है। नर्स के लिए नर्सिंग का कोर्स अनिवार्य है और कम्पाण्डर के लिए मेडिकल की डिग्री, लेकिन यहां पर ऐसा कुछ नहीं है।
नर्स और कम्पाउण्डर के प्रशिक्षित नहीं होने का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता हैं। सीनियर डॉक्टरों को देखकर ही ऐसे नर्स व कम्पाउण्डर बीमारी की बारीकियों को सीखते हैं। इस बीच अगर कभी कोई गड़बड़ी हो जाती है, अधिकतर नौसिखिए को तो नश ही नहीं मिलते, जहां से इंजेक्शन लगाया जा सके। लापरवाही के कारण ही मरीज सूजन के शिकार जाते हैं।
एक छोटी सी लापरवाही भी मरीज की जान ले सकती है। यह जानते हुए भी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हैं।
Published on:
27 Jun 2018 04:31 pm
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