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CG News: वन्यजीवों की सुरक्षा दांव पर, दो इंडियन बायसन का करंट लगाकर शिकार, पांच आरोपी गिरफ्तार

CG News: दो इंडियन बायसन-गौर को विद्युत करंट लगाकर मौत के घाट उतार दिया गया। शिकार के बाद आरोपियों ने दोनों प्राणियों के मांस को टुकड़ों में काटकर आपस में बांट भी लिया।

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CG News: वन्यजीवों की सुरक्षा दांव पर, दो इंडियन बायसन का करंट लगाकर शिकार, पांच आरोपी गिरफ्तार

दो इंडियन बायसन का करंट लगाकर शिकार (Photo Patrika)

CG News: भोरमदेव अभ्यारण्य में वन्यजीवों की सुरक्षा दांव पर लगी है। आज भी यहां पर वन्यप्राणियों का शिकार किया जा रहा है। चिल्फी परिक्षेत्र के संरक्षित कक्ष क्रमांक पीएफ 333 बहनाखोदरा में दो इंडियन बायसन-गौर को विद्युत करंट लगाकर मौत के घाट उतार दिया गया। शिकार के बाद आरोपियों ने दोनों प्राणियों के मांस को टुकड़ों में काटकर आपस में बांट भी लिया।

वन्यप्राणियों का शिकार दो-तीन दिन पूर्व का बताया जा रहा है। इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दो दिन बाद मिली। जैसे ही सूचना मिली वन विभाग का अमला तुरंत घटना स्थल पहुंचा और जांच शुरु की। मामले के व्यापक खुलासे और घटनास्थल की वैज्ञानिक जांच के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व लोरमी से विशेष डॉग स्क्वॉड को बुलाया गया।

डॉग स्क्वॉड की मौजूदगी में घटनास्थल की बारीकी से तलाशी ली गई और कई अहम सुराग मिले, जो आरोपियों के खिलाफ पुता साक्ष्य जुटाने में महत्वपूर्ण साबित हुए।पूरा अभियान वन और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने संचालित किया। वन अधिकारियों ने बताया कि शिकार के बाद वन्यप्राणियों के मृत शरीर से मांस काटने के प्रमाण घटनास्थल पर मौजूद थे। विद्युत तार, खून के धब्बे, कटाई के निशान और चिह्नों की जांच कर कार्रवाई की दिशा तेज़ की गई।

अभ्यारण्य में वन्यप्राणियों का शिकार

भोरमदेव अभ्यारण्य में यह पहला शिकार नहीं है। इसके पूर्व भी बाघ, तेंदुआ जैसे वन्यप्राणियों के भी शिकार हो चुके हैं। अभयारण्य अंतर्गत ग्राम जामुनपानी में हथियार से बाघिन की हत्या हुई। दांत, नाखून व मूंछ के बाल निकाल लिए गए। भोरमदेव अभ्यारण्य क्षेत्र के चिल्फी रेंज के ग्राम तुरैयाबाहरा के जंगल में 12 नवंबर 2020 को गश्त के दौरान वनरक्षकों को एक बाघिन का शव मिला था। शरीर के एक हिस्से मेें मांस नहीं था। वहीं अक्टूबर 2018 में भोरमदेव अभयारण्य के बफर एरिया में झलमला से जामुनपानी के बीच शीतलपानी के पास पानी से भरे एक स्टॉपडैम नुमा डबरी में तेंदुए का शव झाड़ियों में फं सा मिला था।

चिंता का विषय

इंडियन बायसन-गौर छत्तीसगढ़ के अभ्यारण्य में जैवविविधता का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। लगातार बढ़ती शिकार की घटनाएं वन्यजीवों के अस्तित्व और पर्यावरण संतुलन दोनों के लिए खतरा हैं। कड़े गश्ती प्रबंधन, आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाया जाना चाहिए।

पांच आरोपियों हुई गिरफ़्तारी

वन अमले ने गुप्त सूचना और साक्ष्यों के आधार पर गंभीरता से अभियान चलाया और 19 नवंबर को पांचों आरोपियों अन्तू पिता गौतर बैगा, सखुराम पिता रामासिंह बैगा, सोनेलाल पिता सुखराम बैगा, कमलेश पिता चमरू यादव और इन्दर पिता शतुर बैगा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत कर 14 दिन के न्यायिक रिमांड की मांग की गई है ताकि मामले की विस्तृत विवेचना की जा सके।

इन धाराओं के तहत मामला दर्ज

वनमंडलाधिकारी कवर्धा निखिल अग्रवाल ने बताया कि वन विभाग ने इस जघन्य कृत्य पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 30, 32, 39, 44(ख)ए 20, 50, 51 तथा लोक सपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 और 4 के अंतर्गत अपराध 18 नंवबर 2025 को मामला दर्ज किया। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धाराएं स्पष्ट रूप से यह बताती हैं कि अनुसूची के किसी भी प्राणी के शिकार पर कठोरतम सज़ा और दंड का प्रावधान है।

भोरमदेव अभयारण्य में यह पहला शिकार नहीं है। इसके पूर्व भी बाघ, तेंदुआ जैसे वन्यप्राणियों के भी शिकार हो चुके हैं। अभयारण्य अंतर्गत ग्राम जामुनपानी में हथियार से बाघिन की हत्या हुई। दांत, नाखून व मूंछ के बाल निकाल लिए गए। भोरमदेव अभयारण्य क्षेत्र के चिल्फी रेंज के ग्राम तुरैयाबाहरा के जंगल में 12 नवंबर 2020 को गश्त के दौरान वनरक्षकों को एक बाघिन का शव मिला था। शरीर के एक हिस्से मेें मांस नहीं था। वहीं अक्टूबर 2018 में भोरमदेव अभयारण्य के बफर एरिया में झलमला से जामुनपानी के बीच शीतलपानी के पास पानी से भरे एक स्टॉपडैम नुमा डबरी में तेंदुए का शव झाड़ियों में फं सा मिला था।

गश्त बढ़ाकर निगरानी

घटना के बाद क्षेत्र में गश्त बढ़ाई गई है और संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है। विभाग का कहना है कि शिकारियों के नेटवर्क की भी जांच की जा रही है कि क्या यह घटना किसी बड़े गिरोह से जुड़ी है। वहीं आम जनता से अपील की है कि अभ्यारण्य अथवा आसपास के क्षेत्रों में संदिग्ध गतिविधि, अवैध शिकार, मांस बिक्री, हथियारों की आवाजाही या विद्युत जाल लगाए जाने जैसी जानकारी मिलती है तो तुरंत वन अमले को सूचित करें। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।