
पूर्व विधायक राजपरिवार के सदस्य योगेश्वर राज सिंह
कवर्धा। CG Election 2023: कवर्धा विधानसभा के पूर्व विधायक राजपरिवार के सदस्य योगेश्वर राज सिंह को कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया है। उनके ऊपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप लगाते हुए 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
योगेश्वर राज सिंह को कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 1998 व 2003 में दो बार विधायक चुने गए थे, जिन्होंने भाजपा के डॉ.रमन सिंह को भी हराया था। वर्ष 2008 में हार के बाद उनके सितारे गर्दिश में चले गए, जिसके बाद पार्टी में निष्क्रियता के चलते वापसी नहीं हो सकी। उनके मां व पिता भी कांग्रेसी विधायक रहे। कांग्रेस से कोई तवज्जों न मिलने के चलते वे पार्टी से दूर हो गए। वर्ष 2008 का चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के किसी भी गतिविधि में वे शामिल नहीं रहे न ही सक्रियता दिखाई। पांच साल बाद वे सीधे 2013 में विधायक का टिकट मांगने के लिए राजमहल से बाहर निकले। टिकट नहीं मिली, पार्टी ने मोहम्मद अकबर को टिकट दे दिया, जिसके बाद वे फि र राजमहल से बाहर ही नहीं निकले।
इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग की, नहीं मिला। निर्दलीय चुनाव लड़ने फ ार्म भरा, तो उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के मान मनौव्वल के बाद वे अपना नामांकन वापस ले लिए थे। लेकिन उनकी पत्नी निर्दलीय चुनाव लड़ी। हांलाकि बाद में राहुल गांधी से मिलने के बाद उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार मोहम्मद अकबर को अपना समर्थन देने का ऐलान किया था। तभी से जिले में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों खासकर मोहम्मद अकबर से राजपरिवार के संबंध बिगड़ते चले गए।
आप प्रत्याशी के लिए किया प्रचार-प्रसार
दरअसल हाल ही के चुनाव में उनके चचेरे भाई खड़गराज सिंह आम आदमी पार्टी से विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी हैं जिनके प्रचार के लिए योगेश्वर राज सिंह गए थे। इसी के चलते पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया है। हांलाकि ये तो सिर्फ एक बहाना माना जा रहा है। कांग्रेस पार्टी को अवसर मिल गया, नहीं तो वैसे भी योगेश्वर राज सिंह की कोई पूछ परख नहीं हो रही थी।
लगातार होती रही उपेक्षा, इसलिए रही नाराजगी
योगेश्वर राज सिंह को पांच साल कांग्रेस ने कभी याद नहीं किया। हाल ही में जब चुनाव प्रचार के लिए राहुल गांधी कवर्धा आए थे, तो पार्टी ने उन्हें बुलाया नहीं था। पूछ परख ना होने के चलते उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को नाराजगी भरा लेटर भी लिखा। लोगों में उसी समय चर्चा थी कि वे पार्टी से इस्तीफा देकर ससम्मान दूर हो जाते तो शायद अच्छा था। लेकिन वे पार्टी से इस्तीफ ा नहीं दिए, जैसे ही 7 नवंबर को मतदान हुआ, देर रात तक पार्टी ने उनके निष्कासन का लेटर जारी कर दिया।
Published on:
09 Nov 2023 02:35 pm
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