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एक जिंदा शहर जो दूसरों को पानी पिलाने के लिए आज हो गया था जमींदोज

हरसूद शहर के जलमग्न होने की 15वीं बरसी

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खंडवा

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Rajiv Jain

Jun 30, 2019

15 year of harsud : Harsood Full Story

15 year of harsud : Harsood Full Story

खंडवा. देश के सबसे बड़े बांधों में से एक इंदिरा सागर बांध में हरसूद शहर को जलमग्न हुए 15 वर्ष पूरे हो चुके हैं। राजा हर्षवर्धन की नगरी रही हरसूद शहर के जलमग्न होने की 15वीं बरसी है। मप्र शासन ने 30 जून की अंतिम तिथि तय की थी। इसके बाद यह शहर शासन के रिकॉर्ड में हमेशा के लिए इंदिरा सागर के पानी में डूब गया। मई 2004 के अंतिम सप्ताह शहर के लोग अपने पूर्वजों की ओर से बनाए आशियानों, जन्मभूमि और अपनी यादों को छोड़ नए शहर की ओर बढ़ चले थे। देखते ही देखते एक माह में 22 हजार से ज्यादा जनसंख्या वाला हंसता शहर मुरझाने लगा। किराए के वाहनों में शहरवासियों ने रोते-रोते अपने गृहस्थी का सामान रख दूसरे शहर की ओर निकले। आज हरसूद को डूब चुके 15 साल बीत गए। हरसूद के बच्चे, युवा और बुजुर्ग नया-हरसूद, खंडवा, हरदा, खिरकिया, इंदौर के साथ कई शहरों में अपना जीवन यापन कर रहे हंै, लेकिन क्या कोई अपनी जन्मभूमि को भूलता है। अपनों से दूर होने का गम सभी शहरवासियों के दिल में है। इसलिए कई उन पुरानी यादों को ताजा करने हर साल 30 जून को बच्चे, युवा और बुजुर्ग उजड़े शहर पहुंचते हैं। हरसूद विस्थापित संघ के चंद्रकुमार सांड ने बताया कि वे खेड़ापति हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रसादी चढ़ाएंगे।

Harsud :
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15 year of harsud : Harsood Full Story IMAGE CREDIT: patrika

उजड़े घर के पास सेल्फी
15 साल पहले सलोनी 6 साल की थी। हरसूद की बरसी से एक दिन पहले वह शनिवार को पति के साथ पुराने हरसूद पहुंची तो अपने उजड़े घर के पास पति चिराग के साथ सेल्फी लेकर यादें संजोने का प्रयास किया।

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विस्थपितों को भूखंडों पर मिले बैंक से ऋण की सुविधा
हरसूद विस्थापित संघ ने हरसूद की 15वीं बरसी के एक दिन पूर्व शनिवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम कांग्रेस नेता कुंदन मालवीय को ज्ञापन सौंपा। 7 सूत्रीय ज्ञापन में विस्थापित संघ ने मांगों के निराकरण की मांग की है। संघ के चंद्रकुमार सांड ने बताया हरसूद को विस्थापित हुए 15 वर्ष बीत चुके हंै। लेकिन अब भी नया-हरसूद में रोजगार, बेरोजगारी सहित कई प्रकार की समस्याएं हैं। सबसे बड़ी समस्या विस्थापितों को आवंटित भूखंडों पर वित्तीय संस्था बैंक के माध्यमों से ऋण नहीं मिलने की है। लोगों को प्लॉट व मकानों पर बैंक ऋण नहीं देती है। शहर की शासकीय स्कूल, कॉलेजों में स्थायी शिक्षक की कमी दूर होना, पॉलीटेक्निक कॉलेज में इंजीनियरिंग की फैकल्टी देकर इजीनियर कॉलेज का दर्जा दिलाया जाए, बेरोजगार युवाओं के लिए नई परियोजनाओं खोला जाए सहित सात मांगें रखी। उन्होंने बताया मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हरसूद विधानसभा का गोद लिया है। उनसे अपेक्षा है कि सभी समस्याओं का निराकरण कराए। इस अवसर पर चंद्रकुमार सांड, अनुराग बंसल, विवेक जैन, अनिल माहेश्वरी, मौसम गंगराड़े, आसिफ अहमद और अनूप गंगराड़े सहित अन्य लोग मौजूद रहे।