क्या हैं आनंद उत्सव और आनंद सभा, आंनदम
क्या है......आनन्द उत्सव
लोक संगीत, नृत्य, गायन, भजन-कीर्तन, नाटक तथा खेलकूद की गतिविधियां परिपूर्ण जीवन की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इस मान्यता के आधार पर आनंद उत्सव की परिकल्पना की गई है। आनंद उत्सव के तहत् ग्राम पंचायत, पंचायत समूह स्तर पर सभी आयु वर्ग के ग्रामीण भाई, बहनों के लिए खेल तथा सांस्कृतिक आयोजन किए जाएंगे। आगामी वर्षो में इसे ब्लाक तथा जिला स्तर तक भी ले जाया जाएगा। उत्कृष्ट आयोजनों को जिला स्तर पर पुरुस्कृत किया जाएगा।
क्या है............आनन्दम्
आनंद विभाग का यह प्रयास है कि ऐसे स्वयंसेवकों, आनंदकों को तैयार किया जाए, जो कार्यालयों में इन्हें सकारात्मक जीवन शैली अपनाने की आवश्यक विधियां उपलब्ध करा सकें। स्वयंसेवक निजी क्षेत्र से अथवा उसी कार्यालय के कर्मचारी हो सकते हैं। शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक है। इसका लोक सेवाओं के प्रभावी प्रबंधन तथा प्रदाय से सीधा संबंध है। भौतिक सुविधाएं तथा समृद्धि अकेले आनंदपूर्ण मनोस्थिति का कारक नहीं होती। यह आवश्यक है कि प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों का दृष्टिकोण जीवन की परिपूर्णता की मौलिक समझ पर आधारित हो।
क्या है........ आनंद सभा
आनंद विभाग का यह प्रयास है कि विद्यार्थियों को प्रशिक्षित स्वयंसेवकों के माध्यम से तथा शिक्षकों के सहयोग से अपनी आंतरिक क्षमता को विकसित करने का अवसर मिलना चाहिए। स्कूल तथा कालेजों के विद्यार्थियों को सशक्त एवं परिपूर्ण जीवन जीना सिखाने के लिए उन्हें ऐसी गतिविधियों में सम्मिलित किया जाना चाहिए जो सकारात्मक जीवन शैली का आधार बन सकती है। पारंपरिक रूप से नैतिक मूल्य पाठ्यक्रमों का भाग अवश्य होते हैं तथा उनका मनोवृत्तियों पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। स्वजागरूकता, पारस्परिक सहयोग, सहानुभूति, प्रभावशाली संवाद, निर्णय क्षमता, कठिनाई का सामना, सृजनात्मकता, समीक्षात्मकताएं, भावना को समझना, तनाव रहित जीवन जैसे विषयों की मौलिक समझ विकसित करना आवश्यक है।