
गुरुवार को मप्र का ओंकारेश्वर गुरुवार को आध्यात्मिक रंग बिखेरता नजर आया। हजारों साधु-संतों के समागम स्थल बने ओंकारेश्वर में केरल पद्धति से खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने साधु-संतों का स्वागत किया। बाद वैदिक यज्ञ और मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। सीएम शिवराज सिंह चौहान और संतों ने मिलकर यहां 108 फीट ऊंची वननैस की प्रतीक आचार्य शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया। आपको बता दें कि इस प्रतिमा का अनावरण होते ही जो नजर आया वो आपको भी अद्भुत और आश्चर्यजनक लगेगा, क्यों? क्योंकि अनावरण के बाद जैसे ही प्रतिमा नजर आई, उसमें आदि शंकराचार्य के 12 साल के बालक की झलक नजर आई। ऐसे में सवाल मन में आता ही है कि आखिर 12 साल के आचार्य शंकर ही क्यों? इस सवाल का जवाब और Interesting Facts जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...
- दरअसल ओंकारेश्वर आचार्य शंकर की ज्ञान भूमि और गुरु भूमि माना जाता है।
- क्योंकि यही वो स्थल है जहां शंकराचार्य को अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद मिले।
- यहीं चार वर्ष रहकर उन्होंने ज्ञान और अध्ययन किया।
- 12 साल की उम्र में ही आदि शंकराचार्य ओंकारेश्वर से पूरे भारत में वेदांत के लोकव्यापीकरण के लिए निकल पड़े थे।
- इसीलिए ओंकारेश्वर के मान्धाता पर्वत पर गुरुवार को 12 वर्ष के आचार्य शंकर की प्रतिमा स्थापित की गई है।
- आपको बता दें कि यह प्रतिमा एलएनटी कंपनी ने तैयार की है।
- सोलापुर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान रामपुरा ने इस धातु की प्रतिमा को खूबसूरती से उकेरा है।
- मूर्ति के लिए बाल शंकर का चित्र मुंबई के विख्यात चित्रकार श्री वासुदेव कामत ने 2018 में बनाया गया था।
- मूर्ति निर्माण के लिए वर्ष 2017-18 में संपूर्ण मध्यप्रदेश में एकात्म यात्रा भी निकाली गई थी।
- इसके माध्यम से प्रदेश की 27 हजार ग्राम पंचायतों से मूर्ति निर्माण के लिए धातु संग्रहण और जनजागरण का अभियान भी चलाया गया था।
Updated on:
21 Sept 2023 12:49 pm
Published on:
21 Sept 2023 12:47 pm
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