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cyber crime -लिंक पर क्लिक करते ही हो रहा सैकंड में खाता खाली

सायबर अपराधियों का नया जाल...-प्रसूती सहायता, मातृत्व योजना का लाभ देने के नाम पर कर रहे ठगी-लोकल वेबसाइट को फॉलो कर रहे सायबर अपराधी, पोर्टल पर भी नजर

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खंडवा

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Manish Arora

Aug 08, 2023

cyber crime

सायबर अपराधियों का नया जाल...

खंडवा.
सायबर अपराधी ऑनलाइन ठगी के लिए हर बार नया जाल फैला रहे है। लोकल वेबसाइट, सरकारी योजनाओं को फॉलो कर लोगों को सायबर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। सायबर ठगी का नया ट्रेंड अब मातृत्व और प्रसूती सहायता योजना बना है। प्रसूताओं के परिजन को फोन कर योजना का लाभ दिए जाने के नाम पर लिंक भेजी जा रही है, जिस पर क्लिक करते ही सैकंड में उपयोगकर्ता का खाता खाली हो रहा है। अब तक तीन थाना क्षेत्र के मामले सायबर सेल तक पहुंच चुके है।
हैलों मैं जननी हेल्प लाइन से बोल रहा/रही हूं, आपकी पत्नी की जननी सुरक्षा योजना की राशि आई है। हम लिंक भेज रहे है, इस पर आप सेटिंग कर लिजिए। इस तरह के कॉल आजकल ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसूताओं के परिजन को आ रहे है। लिंक पर सेटिंग करते समय यूपीआई डालते ही एक बार में ही 25 हजार रुपए की राशि खाते से गायब हो रही है। इस तरह का मामला नर्मदा नगर थाना क्षेत्र, पंधाना थाना क्षेत्र और छैगांवमाखन थाना क्षेत्र में आ चुका है। ठगी का शिकार हुए पीडि़तों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जिसके बाद मामला सायबर सेल को भेजा गया है। सायबर सेल द्वारा जांच के बाद सामने आ रहा है कि सायबर ठगों का जाल अब ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा फैल रहा है।
सरकारी पोर्टल से चुरा रहे डाटा
सायबर अपराधी अब सरकारी पोर्टल से भी डाटा चुरा रहे है। इसका सबूत जननी सुरक्षा, मातृत्व योजना की राशि के लिए सिर्फ उन्हीं लोगों को फोन आना है, जिनके यहां प्रसव हुआ है। सायबर ठग पोर्टल से संबंधित जननी की जानकारी लेकर, उसमें दर्ज मोबाइल नंबर पर फोन कर रहे है। वहीं, दूसरा ट्रेंड वेबसाइट, गुगल, फेसबुक, इंस्टा पर डाले गए विज्ञापनों से दुकानदारों, व्यापारियों की जानकारी चुराने का है। स्थानीय न्यूज चैनल्स में जिले की गतिविधियों पर नजर रखते हुए वहां हो रहे आयोजनों के माध्यम से भी निशाना बनाया जा रहा है।
रखे सावधानी, अंजान लिंक पर न करें सेटिंग
सायबर क्राइम से बचाव के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। स्कूल, कॉलेज सहित थाना स्तर पर लोगों को समझाइश दी जाती है। लोगों से अपील है कि किसी को भी अपना यूपीआई, बैंक डिटेल्स, पासवर्ड आदि न बताए। अंजान नंबर से आई किसी भी लिंक को न छेड़े और तुरंत डिलिट कर दे। सायबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत ही पुलिस को सूचना दें।
सत्येंद्र कुमार शुक्ल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक