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वन मंत्री की अमानत में खयानत कर नौकर बना करोड़पति

दिव्य शक्ति गैस एजेंसी में काम करता था आरोपी, खाते में बड़ी रकम और अलीशान घर से खुला राज, कोतवाली पुलिस कर रही जांच पड़ताल

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Crorepati became a servant by defaming the Forest Minister

Crorepati became a servant by defaming the Forest Minister

खंडवा. वन मंत्री कुंवर विजय शाह की दिव्य शक्ति गैस एजेंसी में काम करने वाला नौकर उनकी ही अमानत में खयानत कर करोड़पति बन गया। महज साढ़े 10 हजार रुपए का वेतन पाने वाले नौकर ने कूटरचित दस्तावेज के आधार पर अपना आलीशान घर, दुकानें बनाने के अलावा खाते में लाखों रुपए जमा कर रखे हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब मंत्री के परिवार के सदस्यों ने सबसे खास नौकर की बढ़ती संपत्ति और उसके बैंक खाते पर नजर डाली। लाखों की हेराफेरी सामने आने पर वन मंत्री के यहां काम करने वाले एक कर्मचारी सुभाष पिता रमेश केसनिया (36) निवासी बाॅम्बे बाजार ने अपनी ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई है। 16 सितंबर की रात 10 बजे पुलिस शिकायत मिलने पर पुलिस ने आरोपी बिंशू भालेराव निवासी रामनगर के खिलाफ आइपीसी की धारा 409, 420 के तहत केस दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
ढाई साल में लाखों डकारे
यह बात सामने आई है कि आरोपी बिंशू भालेराव वन मंत्री का खास और वफादार नौकर है। दर्ज शिकायत पर गौर करें तो बिंशू ने 1 अप्रैल 2020 से 16 सितंबर 2022 तक वन मंत्री की अमानत में सेंध लगाई है। आरोपी वन मंत्री की खंडवा शहर के मालीकुआं िस्थत दिव्य शक्ति गैस एजेंसी में डिप्टी मैनेजर था। प्राथमिक जांच में 16 लाख 21 हजार 670 रुपए का गबन सामने आया है।
मंत्री की बहू को लगी भनक
सूत्रों का कहना है कि वन मंत्री की बहू को भनक लगी थी कि बिंशू के खाते में 16 लाख रुपए जमा हैं। जब बिंशू के बारे में उन्होंने पता लगाया तो यह बात सामने आई कि बिंशू ने करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत का एक घर और दुकानें बनाई हैं। जबकि उसका वेतन महज साढ़े 10 हजार रुपए है। यह बात भी चर्चा में है कि बिंशू की कथित तौर पर चार पत्नी हैं, जो खंडवा और इंदौर में रहती हैं।
एजेंसी के रिकॉर्ड से खुलेगा राज
कोतवाली पुलिस ने इस मामले की जांच का जिम्मा उप निरीक्षक रणवीर सिंह को सौंपा है। पुलिस ने अभी फरियादी से मिले दस्तावेज के आधार पर केस दर्ज किया है। अब एजेंसी से दस्तावेजी जांच कर आरोपी की संपत्ति का आंकलन किया जाएगा। इसके लिए उसके बैंक खातों और परिवार के सदस्यों की सम्पत्ति भी देखी जाएगी। यह बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद चर्चा है कि आरोपी बिंशू ने भरोसे के दम पर वन मंत्री के खातों से अपना भला किया है।