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सहकारी बैंक में किसानों ने जड़ा ताला, 6 घंटे कैद रहे कर्मचारी…जानिए क्यों

सहकारी केंद्रीय बैंक पिपलानी में मंगलवार को किसानों ने जमकर हंगामा किया। आरोप है कि किसानों को बैंक बुलाने के बाद पैसे का भुगतान नहीं किया गया। लंबे समय से परेशान किसानों ने बैंक के बाहर ताला लगा दिया।

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खंडवा

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Rajesh Patel

Dec 03, 2025

cooperative bank

पिपलानी सहकारी बैंक के कर्मचारी छह घंटे तक ताले में कैद रहे

वित्तीय अनियमितता के आरोपी शाखा प्रबंधक ने किसानों को पैसे देने बुलाया था बैंक-बैंक पहुंचे किसानों को न पैसे मिले और ही खाद-बीज, नाराज किसानों ने किया हंगामा बैंक में किसानों को शाम सात बजे समझाइश देते जांच दल के कर्मचारी।

परेशान किसानों ने बैंक के बाहर ताला लगा दिया

सहकारी केंद्रीय बैंक पिपलानी में मंगलवार को किसानों ने जमकर हंगामा किया। आरोप है कि किसानों को बैंक बुलाने के बाद पैसे का भुगतान नहीं किया गया। लंबे समय से परेशान किसानों ने बैंक के बाहर ताला लगा दिया। कर्मचारी बैंक के भीतर 6 घंटे तक कैद रहे। दोपहर एक बजे से देर शाम तक बात नहीं बनी। जांच दल में शामिल अधिकारी बीच बचाव में आगे आए। आश्वासन के बाद किसान शांत हुए।

किसानों को सूचना दी कि प्रबंधक ने निजी भूमि बेची है

सहकारी केंद्रीय बैंक पिपलानी शाखा में सैकड़ों किसानों की जमा राशि में दस करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय अनियमितता की गई है। मामले में विभाग ने पांच सदस्यीय जांच दल गठित किया है। मंगलवार को जांच दल दस्तावेजों की जांच कर रहे थे। इस बीच सुबह 11 बजे कई किसान पहुंचे। पूछताछ में पता चला कि किसानों को तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने पैसे भुगतान करने के लिए बुलाया था। किसानों को सूचना दी गई थी कि शाखा प्रबंधक ने निजी भूमि बेची है। पैसे आ गए हैं किसान आकर ले जाएं।

डिफाल्टर की सूचना सेे किसान भड़क गए

कई किसान सुबह 11 बजे बैंक पहुंचे गए थे। दोपहर एक बजे तक भुगतान का इंतजार किया। और न ही खाद-बीज के लिए क्रेडिट भी नहीं दी गई। डिफाल्टर की सूचना सेे लंबे समय से परेशान किसान भड़क गए। लामबंद किसानों ने बैंक की शाखा के बाहर ताला लगा दिया। कर्मचारी बैंक के भीतर कैद हो गए। प्रदर्शन करने वाले किसान शेष खान, नारायण आदि किसानों ने बताया कि बैंक में पैसा जमा किया है। भुगतान नहीं किया जा रहा है।

जांच दल के समझाइश के बाद शांत हुए किसान

रबी सीजन में खाद-बीज का क्रेडिट देने की बजाए डिफाल्टर घोषित कर दिया गया है। पैसे जमा करने की रसीद दिखा रहे हैं। बावजूद इसके न तो भुगतान हो रहा है और न ही खाद-बीज मिल रहा है। नाराज किसानों ने दोपहर एक बजे के बाद शाखा के बाहर ताला लगा दिया। बैंक के भीतर कर्मचारी कैद रहे। जांच दल में शामिल मनीष कुमार झारिया ने किसानों को जल्द भुगतान किए जाने का आश्वासन दिया है। इसके बाद किसान माने। मामले में देरशाम जांच दल में शामिल मनीष झारिया ने पत्रिका को बताया कि जांच चल रही है। किसानों को समझाइश देकर शांत कराया है।

तीस साल तक दस्तावेजों की जांच

जिला सहकारी बैंक ने सहकारी बैंक केंद्र पिपलानी की जांच के लिए टीम गठित किया है। जांच टीम तीस साल पुराने रिकॉर्ड खंगाल रही है। तीन माह से अधिक समय से जांच चल रही है। अभी जांच पूरी नहीं हुई है। जांच दल में शामिल अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में वित्तीय अनियमितता सामने आई है। जांच फाइनल होने के बाद ही पता चलेगा।