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सूबे की फिजा कर रहा खराब, जुआ, सट्टा और शराब

एक तरफ अंकुश लगाने का आदेश, दूसरी ओर थाना पुलिस पर कार्रवाही का डंडा, पुलिस रिकॉर्ड बयां कर रहा अपराध की हकीकत

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खंडवा. जुआ, सट्टा और शराब सूबे की फिजा खराब कर रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने और नियंत्रण पाने वाली पुलिस के भी अपने दोपहरे मापदंड हैं। पुलिस मुख्यालय से स्पष्ट निर्देश हैं कि जुआ, सट्टा और शराब के अवैध कारोबार पर सख्ती से कार्रवाही की जाए तो दूसरी ओर हर महीने कार्रवाई का टारगेट भी तय है। यानि एक ओर पुलिस इस अपराध पर नियंत्रण पाना चाहती है और दूसरी ओर यह भी दिखाना है कि पुलिस कार्रवाई कर रही है। जब अपराध ही नहीं होगा तो कार्रवाई कैसी, लेकिन वो भी जरूरी है।
पुलिस रिकाॅर्ड में दर्ज है हकीकत
पुलिस अपनी कार्रवाही का ब्योरा हर रोज जारी करती है। मार्च और अप्रैल की पुलिस कार्रवाई पर गौर किया तो पता चला कि शहर कोवाली, धनगांव और खालवा में सटोरियों पर कार्रवाई की गई है। इसे हम सख्त कार्रवाही तो नहीं कह सकते, लेकिन इतना जरूर कहना लाजमी होगा कि सट्टा, शराब और जुआ शहर से गांव तक चरम पर है।
पुलिस को मिलते हैं गुर्गे
सट्टा कारोबार पर कार्रवाई करने में पुलिस के हाथ सिर्फ वही लोग लगते हैं जो दिहाड़ी पर पर्ची काटते हैं। जबकि सट्टा का बड़े पैमाने पर कारोबार करने वाले पुलिस के सामने ही मौज काटते हैं। सूत्र बताते हैं कि शहर से ही सट्टा कारोबार का लिंक पूरे जिले में फैला है और यहीं से सब कुछ मैनेज किया जाता है।
देसी शराब का बड़ा कारोबार
जिले में शहर से लेकर गांव तक देसी शराब की अवैध विक्री और परिवहन का कारोबार तेज है। जुआ की बात करें तो देहात इलाकों में पुलिस आए दिन प्रकरण दर्ज करती है। सट्टा के आंकड़े बता रहे हैं कि पर्ची काटने वाले किस तरह से सक्रिय हैं। लॉक डाउन के समय मोबाइल पर चलने वाला सट्टा अब पुराने ढर्रे पर लौट आया है।