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HDFC बैंक : KCC को KGC में बदल 5.70 करोड़ का ऋण, खजाने को 7 लाख की चपत

उप जिला पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री बंधक के दौरान बैंक के मनमानी की खुली पोल, पक्षकारों पर स्टांप चोरी का प्रकरण दर्ज

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खंडवा

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Rajesh Patel

Jul 20, 2024

HDFC bank

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उप जिला पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री बंधक के दौरान बैंक के मनमानी की खुली पोल, पक्षकारों पर स्टांप चोरी का प्रकरण दर्ज

जिले में प्राइवेट बैंकर्स किसान क्रेडिट कार्ड ( केससी ) के नाम पर सरकार के खजाने को लाखों रुपए की चपत लगा रहे। ऐसा ही एक मामला उप-पंजीयक कार्यालय में सामने आया है। एचडीएफसी बैंक ने कृषि योग्य भूमियों की रजिस्ट्री पर पहले केसीसी बनाया और फिर केसीसी को चुपके से केजीसी ( किसान गोल्ड कार्ड ) में बदलकर 7 करोड़ 70 लाख रुपए का ऋण जारी कर दिया। बैंक की इस प्रक्रिया से सरकार के खजाने को 7 लाख रुपए से अधिक का झटका लगा है। इसका खुलासा उप पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री की बंधक प्रक्रिया के दौरान हुआ है। मामले में सब रजिस्ट्रार की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला पंजीयक ने स्टांप चोरी का पक्षकारों पर प्रकरण दर्ज कर लिया है।

बंधक दस्तावेज के जांच में दो रजिस्ट्रियां पकड़ी

जिला मुख्यालय पर उप पंजीयक कार्यालय में जमीन पर ऋण की प्रक्रिया के दौरान रजिस्ट्रियां बंधक रखी जाती है। सब रजिस्ट्रार ने बंधक दस्तावेज के जांच में दो रजिस्ट्रियां पकड़ी हैं। बंधक दस्तावेज के अनुसार एचडीएफसी बैंक ने डेढ़ हेक्टेयर भूमि पर अजय अग्रवाल निवासी टाउन हाल खंडवा की केसीसी पर केजीसी दिखा अजय अग्रवाल के नाम एक करोड़ 90 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत किया है। केजीसी पर स्टांप की छूट नहीं है। बैंक ने स्टांप ड्यूटी को नजर अंदाज करते हुए ऋण स्वीकृत कर दिया है। जांच के दौरान एक लाख 90 हजार रुपए की स्टांप चोरी पकड़ी है। इसी तरह बैंक ने आशीष अग्रवाल की केसीसी को केजीसी में बदलकर तीन करोड़ 80 लाख रुपए का ऋण दिया है। तीनों बंधकों में कार्रवाई के दौरान सब रजिस्ट्रार ने बैंक की चोरी पकड़ी है। सात लाख रुपए स्टांप चोरी का प्रकरण दर्ज किया है।

ऐसे समझे केसीसी

किसान क्रेडिट कार्ड केसीसी छोटे और लघु सीमांत किसानों को खाद, बीज क्रय करने के लिए बनाई जाती है। इस पर सरकार ने स्टांप शुल्क की छूट दी है। जबकि केजीसी पर स्टांप की शुल्क की छूट नहीं है। केजीसी पर एक प्रतिशत का स्टांप शुल्क लगता है।

वर्जन

दोनों मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। यदि पक्षकारों के द्वारा जल्द बकाया राशि जमा नहीं की जाती है तो संपत्ति कुर्क समेत अन्य कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। इसके अलावा कलेक्टर की अनुमति लेकर फौजदारी का भी प्रकरण दर्ज कराया जा सकता है।

पीबी, जिला पंजीयक, खंडवा