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इंदिरा सागर बांध : पंप स्टोरेज के नए प्रोजेक्ट में 45 मीटर गहरी वाटर चेन बनेगी

परियोजना पीक आवर्स के दौरान 1,226.93 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करेगी प्रदेश सरकार के नए एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग ने यह परियोजना एनएचडीसी लिमिटेड को आवंटित की है।

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खंडवा

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Rajesh Patel

Jun 18, 2023

Indira Sagar Dam: 45 meter deep water chain will be built in the new project of pump storage

Indira Sagar Dam: 45 meter deep water chain will be built in the new project of pump storage

खंडवा . मध्य प्रदेश के खंडवा में इंदिरा सागर बांध के पास 525 मेगावाट पंप स्टोरेज परियोजना का निर्माण एनएचडीसी करेगी। इसकी लागत 4200 करोड़ रुपए है। इसके लिए इंदिरा सागर परियोजना के मौजूदा जलाशयों इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर के बेकवाटर का इस्तेमाल किया जाएगा। दोनों बेक वाटर के बीच इंदिरा सागर डैम में भोपाल की छोर में 45 मीटर गहरी वाटर चेन बनेगी। जंगल के बीच इसकी चौड़ाई 24 मीटर होगी। परियोजना प्रमुख एक सिंह ने कहा कि इस चेन से 1200 क्यूमैक्स प्रति सेकंड पानी का प्रवाह होगा। इस परियोजना को छह घंटे तक लगातार चलाने पर 25 सीएमएसी पानी लगेगा।

पीक आवर्स में 1,226.93 मिलियन यूनिट होगा उत्पादन

शनिवार को हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ( एनएचडीसी लिमिटेड) के प्रबंध निर्देशक वीके सिन्हा ने प्रेस कान्फ्रेंस की । उन्होंने कहा कि इंदिरासागर बांध में पंप भंडारण परियोजना के माध्यम से उत्पन्न अक्षय ऊर्जा में वृद्धि के साथ, राज्य की बिजली जरूरतों को पीक एनर्जी आवर्स (सुबह और शाम) के दौरान पूरा किया जा सकता है। परियोजना पीक आवर्स के दौरान 1,226.93 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करेगी प्रदेश सरकार के नए एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग ने यह परियोजना एनएचडीसी लिमिटेड को आवंटित की है।

नए प्लांट के साथ 1520 मेगावाट होगा उत्पादन

मप्र में 11.2 गीगा वॉट पंप भंडारण परियोजनाओं की क्षमता है। वर्तमान में खंडवा जिले में एनएचडीसी के दो पॉवर स्टेशन - इंदिरा सागर पावर स्टेशन (1000 मेगावाट) और ओंकारेश्वर पॉवर स्टेशन (520 मेगावाट) काम कर रहे हैं। इन पॉवर स्टेशनों द्वारा उत्पादित शत-प्रतिशत बिजली की आपूर्ति मप्र को की जाती है। उन्होंने कहा कि खंडवा में थर्मल पॉवर सहित सोलर एनर्जी को मिलाकर आने वाले समय में पांच हजार से अधिक मेगावाट उत्वादन वाला जिला हो जाएगा। देश में पांच लाख मेगावाट बिजली उत्पादन हो सकता है। देश की डिमांड दो से सवा दो लाख मेगावाट रहती है।

88 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर परियोजना

एनएचडीसी सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण के साथ हरित ऊर्जा के उत्पादन के जरिए राज्य को हरित राज्य बनाने की योजना बना रही है। ऐतिहासिक शहर सांची में 8 मेगावाट की सौर परियोजना और ओंकारेश्वर जलाशय पर 88 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर परियोजना का निर्माण कार्य जारी है।